क्या आप पीले दांतों से परेशान हैं? इन तरीकों से लौटाएं मोती जैसी चमक

सारांश
Key Takeaways
- दांतों की सफाई नियमित रूप से करें।
- बेकिंग सोडा और नींबू का संयोजन प्रभावी है।
- नमक का सीमित उपयोग भी लाभदायक हो सकता है।
- अत्यधिक प्रयोग से दांतों को नुकसान हो सकता है।
- आयुर्वेदिक उपायों को अपनाना फायदेमंद है।
नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान में बदलती जीवनशैली, गलत आहार और दांतों की उचित सफाई न करने के कारण दांतों का पीला होना एक सामान्य समस्या बन गई है। इससे आत्मविश्वास में कमी आती है और खुलकर हंसने में भी असहजता महसूस होती है। इस संदर्भ में, आयुर्वेद और विज्ञान में इस समस्या का एक बेहद सरल और प्रभावी हल मौजूद है।
आयुष मंत्रालय और आयुर्वेद के अनुसार, दांतों की सफाई सिर्फ बाहरी नहीं, बल्कि अंदर से भी होनी चाहिए। सबसे पहले, रोजाना दो बार ब्रश करने की आदत डालना आवश्यक है - सुबह उठने के तुरंत बाद और रात को सोने से पहले। इससे दांतों पर जमी गंदगी और बैक्टीरिया हट जाते हैं, जो पीलेपन का कारण बनते हैं।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, दांतों को सफेद और चमकदार बनाने के लिए, बेकिंग सोडा और नींबू का पेस्ट उपयोगी हो सकता है। ये दोनों सामग्री अधिकांश घरों में उपलब्ध होती हैं और इनके उपयोग से कुछ ही हफ्तों में अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं। बेकिंग सोडा में प्राकृतिक स्क्रबिंग गुण होते हैं जो दांतों की बाहरी परत को धीरे-धीरे साफ करते हैं, वहीं नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड दाग-धब्बों को हल्का करता है और दांतों में चमक लाता है। इस उपाय को हफ्ते में एक या दो बार अपनाना पर्याप्त है।
इसे तैयार करने का तरीका भी बेहद आसान है। एक छोटी कटोरी में चुटकी भर बेकिंग सोडा लें और उसमें नींबू की कुछ बूंदें मिलाएं। जब यह मिश्रण पेस्ट जैसा बन जाए, तो इसे अपने टूथब्रश से दांतों पर हल्के हाथों से रगड़ें। दो से तीन मिनट तक ब्रश करें और फिर सादा पानी से कुल्ला कर लें। ध्यान रखें कि इस उपाय का अत्यधिक उपयोग न करें, क्योंकि अधिक बेकिंग सोडा या नींबू दांतों की बाहरी परत को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके अलावा, पीलेपन को दूर करने के लिए नमक का उपयोग भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आयुर्वेद में नमक को एक प्रभावशाली क्लीनिंग एलिमेंट माना गया है। हफ्ते में दो से तीन बार, बहुत कम मात्रा में नमक से दांतों को साफ करने पर इसका असर कुछ ही दिनों में दिखने लगता है। इससे न केवल पीला रंग कम होता है, बल्कि मुँह की दुर्गंध में भी राहत मिलती है।
अंत में एक बात याद रखें—दांतों की देखभाल एक दिन का काम नहीं है। जैसे हम रोज नहाते हैं, वैसे ही दांतों की भी दैनिक सफाई आवश्यक है। और जब इसमें आयुर्वेद और घरेलू विज्ञान की सहायता ली जाए, तो इसका लाभ दोगुना हो सकता है।