क्या पीएम मोदी 19 दिसंबर को पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरे 'डब्ल्यूएचओ ग्लोबल समिट' को संबोधित करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का संबोधन पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत का नेतृत्व दर्शाता है।
- नई पहलों की शुरुआत, जैसे कि माई आयुष इंटीग्रेटेड सर्विसेज पोर्टल।
- वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों पर गहन चर्चा।
नई दिल्ली, १८ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरे डब्ल्यूएचओ ग्लोबल समिट के समापन समारोह को संबोधित करने वाले हैं।
यह तीन दिवसीय कार्यक्रम नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है और यह एक वैश्विक, विज्ञान-आधारित और लोगों पर केंद्रित पारंपरिक चिकित्सा एजेंडा को आकार देने में भारत के बढ़ते नेतृत्व और पहलों को दर्शाता है।
पीएमओ ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रिसर्च, मानकीकरण और वैश्विक सहयोग के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा और भारतीय ज्ञान प्रणाली को मुख्यधारा में लाने का लगातार प्रयास किया है।
कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री आयुष क्षेत्र के लिए एक मास्टर डिजिटल पोर्टल, माई आयुष इंटीग्रेटेड सर्विसेज पोर्टल (एमएआईएसपी) की शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही, वह आयुष मार्क का भी अनावरण करेंगे, जिसे आयुष उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता के लिए एक वैश्विक मानक के रूप में देखा जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी से योग में प्रशिक्षण पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी रिपोर्ट और 'फ्रॉम रूट्स टू ग्लोबल रीच: आयुष में ११ साल का परिवर्तन' नामक पुस्तक का विमोचन करने की उम्मीद है।
भारत की पारंपरिक औषधीय विरासत के प्रतीक के रूप में, वे अश्वगंधा पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे।
प्रधानमंत्री २०२१-२०२५ के लिए योग के प्रचार और विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित करेंगे, जो योग और इसके वैश्विक प्रचार के प्रति उनके समर्पण को मान्यता देता है।
ये पुरस्कार योग को संतुलन, कल्याण और सद्भाव के लिए एक कालातीत अभ्यास के रूप में फिर से पुष्टि करते हैं, जो एक स्वस्थ और मजबूत नए भारत में योगदान देता है।
प्रधानमंत्री ट्रेडिशनल मेडिसिन डिस्कवरी स्पेस का भी दौरा करेंगे—एक प्रदर्शनी जो भारत और दुनिया भर से पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान प्रणालियों की विविधता और समकालीन प्रासंगिकता को प्रदर्शित करती है।
यह शिखर सम्मेलन १७ से १९ दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा आयुष मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। इसका विषय है 'संतुलन बहाल करना: स्वास्थ्य और कल्याण का विज्ञान और अभ्यास'।
शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, स्वदेशी ज्ञान धारकों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के बीच न्यायसंगत, टिकाऊ और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य प्रणालियों को आगे बढ़ाने पर गहन विचार-विमर्श हुआ।