क्या राजनीति में फैसले अपने-पराये के आधार पर होते हैं? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का बयान

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क्या राजनीति में फैसले अपने-पराये के आधार पर होते हैं? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का बयान

सारांश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने दिल्ली सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पूर्व सरकारों की असफलताओं को उजागर किया और आयुष्मान भारत मिशन के तहत दिल्ली के स्वास्थ्य पर 1700 करोड़ रुपये खर्च करने की जिम्मेदारी का उल्लेख किया।

Key Takeaways

  • दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य कार्यों की प्रशंसा
  • आयुष्मान भारत योजना के तहत 1700 करोड़ रुपये का प्रावधान
  • पूर्व सरकारों की उदासीनता पर आरोप
  • टीबी मामलों में 17.5 प्रतिशत की गिरावट
  • राजनीति में फैसले हितों की रक्षा पर आधारित होने चाहिए

नई दिल्ली, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य क्षेत्र में दिल्ली सरकार के कार्यों की सराहना की है। जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ रविवार को लगभग 1,400 नर्सों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इसके अलावा, उन्होंने आयुष्मान भारत के लिए पंजीकरण वैनों को भी रवाना किया। इस दौरान, स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले कार्यकाल की सरकारों पर गंभीर आरोप लगाए।

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "पूर्व की सरकारों ने सभी क्षेत्रों में उदासीनता दिखाई। स्वास्थ्य क्षेत्र पूरी तरह से उपेक्षित रहा। इसी वजह से दिल्ली के नागरिकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।"

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत मिशन के तहत 1700 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को दिए गए थे, लेकिन 2021 से लेकर फरवरी 2025 तक एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया। नड्डा ने कहा कि अब रेखा गुप्ता के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि उन्हें 8 महीने के भीतर 1700 करोड़ रुपये दिल्ली में जनता के स्वास्थ्य पर खर्च करने हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "राजनीति में फैसले अपने-पराये के आधार पर नहीं होते, बल्कि इस पर होते हैं कि कौन आपके हितों की रक्षा कर सकता है।"

दिल्ली की जनता को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा, "सितंबर 2017 से प्रधानमंत्री मोदी 40 लाख गरीब दिल्लीवासियों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने को तैयार थे, लेकिन आपने लोटा उल्टा किया हुआ था। 20 फरवरीआयुष्मान भारत मिल गया।"

उन्होंने पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए कहा, "सही आदमी को सही जगह पर रखने और गलत व्यक्ति को सही जगह बैठाने से क्या फर्क पड़ता है, वो समझाता हूं। 1997 में एक हेल्थ पॉलिसी लाई गई, जो कहती थी- 'पहले तुम बीमार बनो, फिर मैं तुम्हारा इलाज करुंगी।' लेकिन 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उनके नेतृत्व में पूरे देश में परामर्श किया गया और 2017 में हम एक नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति लेकर आए। इसके अंतर्गत हम प्रिवेंट करेंगे कि बीमारी ही न हो, फिर अच्छे हेल्थ को हम प्रमोट करेंगे ताकि वो स्वस्थ रहे, फिर जरूरत होने पर इलाज करेंगे। हमने हेल्थ को अब समावेशी और व्यापक बनाया है।"

जेपी नड्डा ने इस दौरान भारत में टीबी के मामलों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में टीबी के मामलों में करीब 17.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह गिरावट मात्र 8 प्रतिशत रही है।"

Point of View

जो स्वास्थ्य की दिशा में प्रभावी नहीं थीं। यह दृष्टिकोण न केवल वर्तमान सरकार की कोशिशों को उजागर करता है, बल्कि भविष्य की स्वास्थ्य नीतियों के लिए एक दिशा भी प्रदान करता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

जेपी नड्डा ने दिल्ली सरकार की किस योजना की प्रशंसा की?
जेपी नड्डा ने आयुष्मान भारत योजना की प्रशंसा की, जिसमें 1700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कितनी नर्सों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए?
लगभग 1,400 नर्सों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
नड्डा ने पहले की सरकारों पर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में उदासीनता दिखाई।
टीबी के मामलों में भारत की स्थिति क्या है?
भारत में टीबी के मामलों में 17.5 प्रतिशत की गिरावट आई है।
राजनीति में फैसले किस आधार पर होने चाहिए?
नड्डा के अनुसार, राजनीति में फैसले अपने-पराये के आधार पर नहीं, बल्कि हितों की रक्षा करने की क्षमता पर होने चाहिए।