सर्दी-जुकाम से लेकर त्वचा की देखभाल तक, विटामिन सी क्यों है आवश्यक?

सारांश
Key Takeaways
- विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
- यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है।
- त्वचा को चमकदार और मुलायम बनाए रखता है।
- आयरन के अवशोषण में मदद करता है।
- दिल और आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के इस आधुनिक जीवनशैली, तनाव और प्रदूषण से भरे युग में, जब बीमारियाँ निरंतर नए रूप में उभर रही हैं, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इस दिशा में विटामिन सी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो फ्री रेडिकल्स से हमारे शरीर की रक्षा करता है। इसके सेवन से समय से पहले की बुढ़ापे, त्वचा की क्षति और विभिन्न बीमारियों को रोका जा सकता है।
यह कोलेजन नामक प्रोटीन के निर्माण में सहायता करता है, जो त्वचा, हड्डियों, मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखता है। विटामिन सी त्वचा को चमकदार, मुलायम और झुर्रियों से मुक्त रखने में मदद करता है।
इसके अतिरिक्त, यह आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे एनीमिया की समस्या से बचा जा सकता है। विटामिन सी घावों को तेजी से भरने में मदद करता है और मसूड़ों की सेहत के लिए भी आवश्यक है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर सर्दी-जुकाम, खांसी और अन्य संक्रमणों से बचाता है।
दिल की सेहत के लिए भी विटामिन सी लाभकारी है, क्योंकि यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करता है। इसके अलावा, यह आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह मोतियाबिंद और उम्र से संबंधित दृष्टि समस्याओं से बचाता है।
विटामिन सी के प्राकृतिक स्रोतों में आंवला सबसे समृद्ध है। इसके अलावा, संतरा, नींबू, अमरूद, कीवी, स्ट्रॉबेरी, अनानास, टमाटर, शिमला मिर्च, ब्रोकोली और हरी पत्तेदार सब्जियां इसके अन्य अच्छे स्रोत हैं। ध्यान रहे कि यह विटामिन गर्मी में जल्दी नष्ट हो जाता है, इसलिए फलों और सब्जियों को कच्चा या हल्का पकाकर ही खाना चाहिए।
शरीर में सामान्यतः 1500 से 2500 मिलीग्राम तक विटामिन सी संग्रहित हो सकता है, जबकि रक्त प्लाज्मा में इसका स्तर 0.6-2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होता है। इसकी अधिक मात्रा हानिकारक नहीं होती, क्योंकि शरीर इसे पेशाब के माध्यम से बाहर निकाल देता है।
विटामिन सी की कमी से थकान, मसूड़ों से खून आना, त्वचा का रूखापन, घाव का देर से भरना और बार-बार सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गंभीर कमी की स्थिति में स्कर्वी नामक रोग हो सकता है।