क्या सफेद बाल केवल उम्र का संकेत हैं या पोषण की कमी?
सारांश
Key Takeaways
- बदलती जीवनशैली सफेद बालों का मुख्य कारण है।
- आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ सफेद बालों को रोकने में मददगार हैं।
- सही पोषण और ध्यान से बालों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
- तनाव और हॉर्मोनल असंतुलन सफेद बालों के प्रमुख कारण हैं।
- आंतरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल की बदलती जीवनशैली और तनावपूर्ण जीवन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रही है। कम उम्र में ही बालों और त्वचा से संबंधित समस्याएं बढ़ने लगी हैं।
वर्तमान में, बच्चों और युवाओं में बाल जल्दी सफेद होने की समस्या देखी जा रही है। बालों का सफेद होना केवल खराब जीवनशैली का परिणाम नहीं है, बल्कि यह पोषण की कमी, तनाव और लापरवाही का संकेत भी है। आइए जानते हैं कि बालों का असमय सफेद होना क्यों होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, बालों का सफेद होना वात दोष, रक्त धातु, हॉर्मोन में असंतुलन और रस धातु से जुड़ा हुआ है। जब शरीर अंदर से स्वस्थ होता है, तब बाल और त्वचा दोनों ही चमकदार होते हैं।
आयुर्वेद में सफेद बालों के उपचार के लिए अनेक जड़ी-बूटियों का उल्लेख किया गया है, जैसे आंवला, ब्रह्मी, जटामांसी, करी पत्ता, भृंगराज, गुड़हल, मुलेठी और नीम का पाउडर। यदि डॉक्टर की सलाह से इन जड़ी-बूटियों का सेवन किया जाए, तो सफेद बालों की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
ये सभी जड़ी-बूटियां बालों की जड़ों को पोषित करती हैं और प्राकृतिक तरीके से रंग भी देती हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बाल तब सफेद होना शुरू करते हैं जब शरीर में मेलानिन प्रभावित होता है। यह त्वचा और बालों की सेहत बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, विटामिन बी12, आयरन की कमी, नींद की समस्याएं, तनाव, सिरदर्द और आंखों की रोशनी में कमी भी सफेद बालों का कारण बन सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपायों के साथ-साथ शरीर को अंदर से स्वस्थ रखने की भी आवश्यकता होती है। शरीर का आंत साफ होना और रक्त का शुद्ध होना बालों के स्वास्थ्य को दर्शाता है। इसके लिए रोजाना की दिनचर्या में बदलाव की आवश्यकता है। जैसे सुबह गुनगुना पानी पीना, आंवला का सेवन करना, नाश्ते में फलों का सेवन करना, भुने काले तिल का सेवन करना, सुबह की धूप लेना और हफ्ते में कम से कम दो बार गुनगुने तेल से मालिश करना चाहिए। ये सभी उपाय शरीर को अंदर से पोषण देंगे।
घर पर पोषक तत्वों से भरपूर तेल बनाने के लिए, पोटली तेल का उपयोग किया जा सकता है। इसमें अपने पसंदीदा तेल में करी पत्ता, भृंगराज, गुड़हल, नीम, मेथी दाना और आंवला को सूती पोटली में बांधकर तेल में उबालें जब तक उसका रंग गहरा न हो जाए। तेल को छानकर इस्तेमाल करें और हफ्ते में दो बार लगाएं। इससे बालों को मजबूती मिलेगी।