क्या अचानक पैर के अंगूठे और जोड़ों में दर्द होना सामान्य है? आयुर्वेद में है समाधान!
सारांश
Key Takeaways
- यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों में दर्द और सूजन होती है।
- सही आहार और व्यायाम से यूरिक एसिड को नियंत्रित किया जा सकता है।
- आयुर्वेदिक उपचार प्रभावी होते हैं।
- पानी का भरपूर सेवन करें।
- किसी भी उपाय से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आपको भी रात या दिन किसी भी समय अचानक से जोड़ों या पैर के अंगूठे में दर्द का अनुभव होता है, और इन स्थानों पर लालिमा और सूजन भी रहती है? यह आपके शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड के संकेत हो सकते हैं। इस स्थिति से घबराने की बजाय सतर्क रहने की आवश्यकता है। आयुर्वेद के पास इसका प्रभावी समाधान भी मौजूद है।
यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन (प्रोटीन का भाग) के टूटने से उत्पन्न होने वाला एक प्राकृतिक अपशिष्ट है। सामान्यतः किडनी इसे पेशाब के माध्यम से बाहर निकाल देती है। जब यह मात्रा में बढ़ जाता है, तो यह जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनता है। इसे हाइपरयूरिसेमिया कहा जाता है, जो चुपचाप बढ़कर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
यूरिक एसिड के बढ़ने के कई कारण होते हैं। इनमें गलत आहार जैसे कि अधिक दालें (राजमा, छोले), नॉनवेज, शराब, कम पानी पीना, मोटापा, व्यायाम न करना और किडनी की कमजोरी शामिल हैं। आयुर्वेद के अनुसार इसे वात-रक्त विकार और मंद अग्नि से जोड़ा जाता है, जहां अपचित आहार 'आम' बनकर रक्त में मिल जाता है और सूजन उत्पन्न करता है।
मेडिकल साइंस के अनुसार, बढ़ा हुआ यूरिक एसिड मोनोसोडियम यूरेट क्रिस्टल बनाता है, जो जोड़ों में जमा होकर इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। इससे अचानक तेज दर्द, विशेष रूप से रात में जोड़ों का लाल होना और पैर के बड़े अंगूठे में तेज दर्द होता है। यदि इसे अनदेखा किया जाए, तो बार-बार अटैक, गठिया, किडनी स्टोन और किडनी फेल्योर का खतरा भी बढ़ सकता है।
बचाव के लिए घरेलू नुस्खों को अपनाना लाभकारी होता है। इसके लिए सुबह के समय गुनगुना पानी पिएं, दिनभर पर्याप्त पानी लें, त्रिफला चूर्ण (कम मात्रा में), धनिया बीज का पानी, अजवाइन-सोंठ का काढ़ा उपयोगी हैं। जंक फूड और अल्कोहल का सेवन न करें।
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि यूरिक एसिड केवल जोड़ों की समस्या नहीं है, बल्कि यह मेटाबॉलिज्म और किडनी की भी समस्या है। दर्द को दबाने से नहीं, बल्कि इसके कारणों को सुधारने से राहत मिलती है। आहार और दिनचर्या में बदलाव करके और समय पर ध्यान देकर बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। आयुर्वेदिक औषधियाँ भी यूरिक एसिड में रामबाण कार्य करती हैं।
हालांकि, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले एक आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।