क्या एनआईए कोर्ट ने लश्कर आतंकी के 2 साथियों को दोषी ठहराया? 8 जनवरी को होगा सजा का ऐलान
सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने दो आरोपियों को दोषी ठहराया।
- आरोपियों की सजा 8 जनवरी को सुनाई जाएगी।
- बहादुर अली का मामला कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ा है।
- अदालत ने लगभग आठ वर्षों की सुनवाई के बाद निर्णय लिया।
- एक अन्य आरोपी को भी हाल में गिरफ्तार किया गया है।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने देश में आतंकी हमले की साजिश करने के मामले में दो व्यक्तियों को दोषी ठहराया है।
एनआईए कोर्ट ने जहूर अहमद पीर और नजीर अहमद पीर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 18, 19 और 39 के तहत दोषी ठहराया है।
इन दोनों पर आरोप था कि वे आतंकवादी बहादुर अली को साजिश रचने, पनाह देने और सहायता करने में शामिल थे।
बहादुर अली हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद कश्मीर में बवाल मचाने के लिए पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ कर आया था।
कोर्ट अब इन दोनों दोषियों की सजा पर 8 जनवरी को फैसला सुनाएगा।
एनआईए ने सितंबर 2017 में कुपवाड़ा के निवासियों नजीर अहमद पीर और जहूर अहमद पीर को गिरफ्तार किया था।
2017 में इन्हें गिरफ्तार करने के बाद अदालत इस मामले पर सुनवाई कर रही थी। लगभग आठ वर्षों की सुनवाई के बाद एनआईए की विशेष अदालत ने अपना निर्णय सुनाया। इस दौरान दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया। अदालत अब 8 जनवरी को सजा सुनाएगी।
जानकारी के अनुसार, 25 जुलाई 2016 को हंदवाड़ा से लश्कर आतंकी बहादुर अली को पकड़ा गया था। जहूर और नजीर पर बहादुर अली को घुसपैठ में सहायता देने का आरोप है। इस समय बहादुर अली के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे।
साथ ही, एनआईए ने दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार बम धमाके के मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह इस मामले में नौवीं गिरफ्तारी है। आरोपी की पहचान जम्मू-कश्मीर के शोपियां निवासी यासिर अहमद डार के रूप में हुई है।
एनआईए ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया और पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने उसे 26 दिसंबर तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।