क्या सर्दियों में यह एक गलती आपकी सेहत को नुकसान पहुँचा सकती है?
सारांश
Key Takeaways
- सर्दियों में पानी की कमी से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- सर्वश्रेष्ठ उपाय: सुबह गुनगुना पानी पीना।
- 7-8 गिलास पानी पीना न भूलें।
- खाने के समय अधिक पानी न पिएं।
- पेशाब रोकने से किडनी पर दबाव पड़ता है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों के मौसम में कई बार लोगों को प्यास कम लगती है। ठंडी हवा, हीटर और सूखे वातावरण के चलते शरीर का हाइड्रेशन धीरे-धीरे कम होता जाता है। बहुत से लोग पानी पीना भूल जाते हैं, और यह छोटी सी आदत डिहाइड्रेशन का बड़ा कारण बन सकती है।
डॉक्टरों का कहना है कि सर्दियों में हर 10वां मरीज पानी की कमी से प्रभावित होता है, और इस समस्या को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। डिहाइड्रेशन केवल गर्मियों में ही नहीं, बल्कि सर्दियों में भी एक छिपा हुआ खतरा बना रहता है।
जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं प्रभावित हो जाती हैं। ब्लड सर्कुलेशन में कमी आती है, किडनी सूक्ष्म टॉक्सिन को ठीक से निकाल नहीं पाती, इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ जाता है, और इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। इसके प्रारंभिक संकेतों में सिरदर्द, थकान, त्वचा का रूखा होना, होठों का फटना, पेशाब का गहरा रंग, मांसपेशियों में खिंचाव, तेज दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर का गिरना और हल्का चक्कर आना शामिल हैं। बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं इस स्थिति में सबसे अधिक संवेदनशील होती हैं।
आयुर्वेद में इसे 'त्रिष्णा विकार' कहा गया है। पानी की कमी से रसधातु कमजोर हो जाती है, अग्नि मंद पड़ जाती है और वात बढ़ने लगता है। इससे शरीर में सूखापन, ऊर्जा की कमी, और कब्ज या गैस जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि शरीर का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा पानी है और इसके बिना शरीर की सभी कार्यप्रणालियां प्रभावित होती हैं।
सर्वश्रेष्ठ उपाय है सुबह उठकर गुनगुना पानी पीना, दिनभर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी लेना और भोजन से 30 मिनट पहले पानी पीना। खाना खाते समय ज्यादा पानी न पिएं। सर्दियों में भी 7-8 गिलास पानी पीना आवश्यक है। यदि शारीरिक मेहनत अधिक है, तो पानी की मात्रा बढ़ाएं। गुनगुना पानी सर्दियों में सबसे अच्छा रहता है।
पेशाब रोकने की आदत भी खतरे को बढ़ा सकती है। यह किडनी पर दबाव डालती है, टॉक्सिन जमा होने लगते हैं और यूटीआई की संभावना भी बढ़ जाती है। ब्लैडर कमजोर होने लगता है।