क्या सर्वांगासन से याददाश्त बढ़ाई जा सकती है, तनाव कम किया जा सकता है और दिल का ख्याल रखा जा सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- सर्वांगासन से याददाश्त और तनाव में सुधार होता है।
- यह हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
- पाचन संबंधी समस्याओं में राहत दिलाता है।
- शारीरिक और मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है।
- सही तरीके से करने पर यह सुरक्षित है।
नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप अपनी सेहत को प्राकृतिक तरीके से सुधारना चाहते हैं? योग आपके लिए सबसे प्रभावी उपाय हो सकता है। यह केवल दिमाग को शांत करने के लिए नहीं, बल्कि पूरे शरीर को दुरुस्त रखने के लिए भी जाना जाता है। यह कई बीमारियों से बचाव करता है, शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है और मन को स्थिर रखता है। ऐसे ही लाभकारी योगासनों में से एक है सर्वांगासन, जिसे आम भाषा में शोल्डर स्टैंड भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें शरीर को कंधों पर संतुलित किया जाता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, सर्वांगासन हमारे शरीर की थायरॉयड और पैराथायरायड ग्रंथियों को सक्रिय करता है। जब हम इस आसन को करते हैं, तो सिर नीचे और पैर ऊपर होते हैं, जिससे गर्दन के पास खून का बहाव बढ़ता है। इससे थायरॉयड ग्रंथि को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, जिससे उसका काम बेहतर होता है। यह हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और मेटाबोलिज्म को सुधारता है। इसके अलावा, यह पैराथायरायड ग्रंथि को भी उत्तेजित करता है, जिससे हड्डियों में कैल्शियम का स्तर संतुलित रहता है।
सर्वांगासन करने से बाहों और कंधों की ताकत बढ़ती है, क्योंकि इस आसन में शरीर का पूरा भार इन्हीं पर टिका होता है। इससे मांसपेशियां मजबूत बनती हैं और शरीर में स्थिरता आती है। साथ ही, यह आसन रीढ़ की हड्डी को भी लचीलापन देता है। जब हम इस मुद्रा में रहते हैं, तो रीढ़ सीधी और संतुलित रहती है और पीठ दर्द में राहत मिलती है। यह आसन शरीर को संतुलित और मजबूत बनाने में मदद करता है।
यह मस्तिष्क तक ज्यादा मात्रा में रक्त पहुंचाने में मदद करता है। जब हम उल्टी दिशा में खड़े होते हैं, यानी सिर नीचे और पैर ऊपर होते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण के कारण खून आसानी से दिमाग की तरफ बहता है। इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषक तत्व अच्छी मात्रा में मिलते हैं, जो उसकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं। यह एकाग्रता बढ़ाने, तनाव कम करने और मानसिक थकान दूर करने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से याददाश्त तेज होती है और मन शांत रहता है।
इससे हृदय में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता में सुधार आता है। जब हम इस आसन में रहते हैं, तो शरीर उल्टा होने से खून आसानी से दिल और फेफड़ों की तरफ बहता है। इससे दिल को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, जिससे वह और मजबूती से काम करने लगता है। यह आसन ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में भी मदद करता है और हृदय रोगों के खतरे को कम करता है।
इन सबके अलावा, सर्वांगासन एक ऐसा योगाभ्यास है जो कब्ज, गैस और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। जब हम यह आसन करते हैं, तो पेट के अंगों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और भोजन आसानी से पचता है। साथ ही, यह आसन नसों और तंत्रिका तंत्र को भी आराम देता है। शरीर में खून का बहाव संतुलित होता है, जिससे तनाव कम होता है और मन शांत रहता है।
सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और अपने हाथों को जांघों के पास रखें। फिर धीरे-धीरे अपने पैरों को उठाते हुए पहले 30 डिग्री, फिर 60 डिग्री और अंत में 90 डिग्री तक ले जाएं। अब अपने हाथों की मदद से पैरों को सिर की ओर ले आएं और सहारा देने के लिए हथेलियां पीठ पर रखें। इस दौरान अपने शरीर को इस तरह सीधा करें कि ठोड़ी छाती के ऊपर आकर लग जाए। इस स्थिति में कुछ समय तक रहें। फिर धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाएं।