क्या नंद गोपाल गुप्ता ने अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश की राजनीति में विरासत का मुद्दा हमेशा गरम रहता है।
- योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने अखिलेश यादव को चुनौती दी।
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर दिए गए बयानों ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सैकड़ों लोगों के साथ योगाभ्यास किया गया।
- योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की अपील की गई।
प्रयागराज, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे को सबसे महंगा राजमार्ग बताते हुए तंज कसा कि यह कोई एक्सप्रेस-वे नहीं, बल्कि महज चार लेन वाला राजमार्ग है। इस पर योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने तीखा जवाब दिया।
नंदी ने अखिलेश यादव के बयान को 'बुद्धि की कमी' करार देते हुए कहा, "विरासत में गद्दी तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं।"
उन्होंने मुलायम सिंह यादव की तारीफ करते हुए कहा कि नेताजी ने राजनीति में तपस्या की थी, लेकिन अखिलेश ने 'मुगलों की परंपरा' को अपनाते हुए अपने पिता की गद्दी छीन ली। मुगलों की तरह सत्ता हथियाने की कोशिश करने पर अखिलेश यादव की बुद्धि पर सवाल उठाना समय की बर्बादी है।
अखिलेश यादव ने हाल ही में 2027 के विधानसभा चुनाव में सपा की सरकार बनाने का दावा किया था, जिस पर नंदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि "अखिलेश यादव मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। जनता योगी और मोदी सरकार के साथ है।"
इसी बीच, 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर एक भव्य योग शिविर हुआ, जिसमें नंद गोपाल गुप्ता ने सैकड़ों लोगों के साथ योगाभ्यास किया। इस मौके पर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्वास्थ्य और अध्यात्म का अद्वितीय मिलन देखा गया।
नंद गोपाल गुप्ता ने योग सत्र में विभिन्न आसनों का अभ्यास किया और उपस्थित लोगों को योग को अपनी जीवनशैली में शामिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सभी से इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का संकल्प लेने की अपील की।