क्या एक 'काली रात' ने अफगानिस्तान में कहर बरपाया?

सारांश
Key Takeaways
- 22 जून 2022 को अफगानिस्तान में भूकंप आया।
- भूकंप की तीव्रता 6.1 थी।
- 1000 से अधिक लोगों की मौत हुई।
- राहत कार्य में बाधाएं थीं।
- इमारतों की गुणवत्ता ने तबाही को बढ़ाया।
नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। 22 जून, 2022 का दिन अफगानिस्तान के लिए एक भयानक घटना के रूप में याद किया जाएगा। इस दिन एक तीव्र भूकंप ने अफगानिस्तान में जान-माल का भारी नुकसान पहुंचाया।
रात का समय, लगभग 1:24 बजे... लोग गहरी नींद में थे, तभी एक जोरदार झटके ने उन्हें झकझोर दिया। यह भूकंप 6.1310 मील के क्षेत्र में भी महसूस किया गया।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र खोस्त से लगभग 28.5 मील दक्षिण-पश्चिम में स्थित था, जो पाकिस्तान की सीमा के करीब था।
जब रात का अंधेरा छटा, तो सुबह की पहली किरणों में एक दर्दनाक दृश्य उभरकर सामने आया। कई घर मलबे में तब्दील हो चुके थे और मलबे के नीचे कई लाशें दबी हुई थीं। हालांकि, कुछ लोग अभी भी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे।
इस भूकंप में 1000 से अधिक लोगों की जान गई, जबकि 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए। यह 1998 के बाद से अफगानिस्तान का सबसे भयानक भूकंप था। पहले से ही आतंक और चरमपंथ से जूझ रहा अफगानिस्तान इस त्रासदी से और भी अधिक प्रभावित हुआ।
यह आपदा तालिबान सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती थी। राहत कार्य के लिए बचाव दल जुटा हुआ था, परंतु कई अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियां पहले ही देश छोड़ चुकी थीं।
बदहाली इतनी थी कि लोगों को कंबल में लपेटकर हेलीकॉप्टर तक पहुंचाया जा रहा था, और कुछ का इलाज धूल और मलबे के बीच जमीन पर किया जा रहा था।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के विशेषज्ञ रॉबर्ट सैंडर्स का मानना है कि दुनिया के अन्य हिस्सों में इस तरह का भूकंप इतनी तबाही नहीं मचाता, लेकिन अफगानिस्तान में इमारतों की गुणवत्ता और जनसंख्या घनत्व ने इसे संभव बना दिया।