क्या सोनिया गांधी का लेख देश की भावना को दर्शाता है? : मनोज झा

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क्या सोनिया गांधी का लेख देश की भावना को दर्शाता है? : मनोज झा

सारांश

मनोज झा ने सोनिया गांधी के लेख की प्रशंसा की, जो इजरायल और ईरान के बीच तनाव की स्थिति में देश की भावना को उजागर करता है। क्या यह लेख सच में हमारे राष्ट्र की गहराईयों को दर्शाता है? जानें इस लेख के माध्यम से।

Key Takeaways

  • सोनिया गांधी का लेख देश की भावना को उजागर करता है।
  • मनोज झा का मानना है कि हमें विदेश नीति को रीबूट करने की आवश्यकता है।
  • भाषाओं का आपसी संबंध गहरा होता है।
  • योग मानसिक और आध्यात्मिक स्वच्छता का प्रतीक है।
  • संसदीय सत्र बुलाकर अमेरिका को जवाब देने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के लेख की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह लेख देश की भावना को प्रदर्शित करता है।

सोनिया गांधी ने अपने लेख में ईरान को भारत का पुराना मित्र बताते हुए, इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले की कड़ी निंदा की है।

शनिवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में मनोज झा ने कहा, "मैंने सोनिया गांधी का लेख पढ़ा, यह वास्तव में हमारे देश की भावना को व्यक्त करता है। 12 जून को संयुक्त राष्ट्र में गाजा में युद्ध विराम का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया था। हमने इसमें भाग नहीं लिया और मुझे याद आया कि महात्मा गांधी ने फिलिस्तीन के संदर्भ में क्या कहा था। भारत की चुप्पी सभ्यता की चुप्पी है। सरकारों को समझना चाहिए, वे आती-जाती हैं, लेकिन राष्ट्र का चरित्र बरकरार रहना चाहिए। क्योंकि सत्य नहीं बदलता, न ही हमारी करुणा की भावना बदलती है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमने देखा कि हम अलग पड़ गए थे। इसलिए, मैं कहता हूं कि हमें विदेश नीति को रीबूट करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंग्रेजी भाषा पर दिए बयान पर मनोज झा ने 60 के दशक के भाषाई विवाद का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भाषाओं का आपसी संबंध गहरा होता है। एक भाषा की प्रगति दूसरी भाषा की कीमत पर नहीं होती है। हर भाषा आपकी चिंतन को समृद्ध करती है। उन्होंने दक्षिण भारतीय भाषाओं (जैसे तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम) की समृद्धि की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कई लोग इन भाषाओं को जानते होंगे, लेकिन कई नहीं। यह हमारी कमजोरी है।

मनोज झा ने कहा, "योग दिवस पर मैं सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मेरा मानना है कि योग का संदेश केवल एक दिन तक सीमित नहीं है। यह भी याद रखना जरूरी है कि योग मानसिक शुद्धता और आध्यात्मिक स्वच्छता का प्रतीक है।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है। जब राजद सांसद से इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री के बयान का एक संदर्भ है और वह संदर्भ स्पष्ट है। जब हम पर आतंकी हमला हुआ, देश सामूहिक पीड़ा से गुजर रहा था। हमारी सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह किया। लेकिन, दुख की बात यह है कि एक बार फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर कराने की बात दोहराई है। हम चाहते हैं कि संसद सत्र को बुलाकर अमेरिका को जवाब दिया जाए कि अब बहुत हुआ।

Point of View

यह दर्शाता है कि वे राष्ट्र के हितों को सर्वोपरि मानते हैं।
NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

सोनिया गांधी ने अपने लेख में क्या कहा?
सोनिया गांधी ने अपने लेख में ईरान को भारत का पुराना मित्र बताते हुए इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले की निंदा की है।
मनोज झा ने सोनिया गांधी के लेख की सराहना क्यों की?
मनोज झा ने कहा कि यह लेख देश की भावना को दर्शाता है, जो वर्तमान राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण है।