क्या उत्तर प्रदेश के गोंडा में सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन हुआ? मंत्री दारा सिंह चौहान बने हिस्सा

सारांश
Key Takeaways
- योग से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- सामूहिक योगाभ्यास से सामाजिक एकता बढ़ती है।
- योग भारतीय संस्कृति का अमूल्य हिस्सा है।
- योगाभ्यास से तन, मन और आत्मा को संतुलित किया जा सकता है।
- योग का संदेश सभी के लिए है।
गोंडा, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। आज जब पूरा देश 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उत्सव में रंगा हुआ है, उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले ने भी इसे धूमधाम से मनाया। गोंडा मेडिकल कॉलेज के सभागार में सामूहिक योगाभ्यास का एक भव्य आयोजन किया गया, जिसमें योग के उत्साह ने सभी को एकजुट कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत यूपी के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान, नोडल अधिकारी कंचन वर्मा, डीएम और सीडीओ ने दीप प्रज्वलन के साथ की। इस अवसर पर हजारों मेडिकल स्टूडेंट्स, जिला स्तरीय अधिकारी और स्थानीय लोग उपस्थित थे, जिन्होंने योग के माध्यम से स्वास्थ्य और एकता का संदेश फैलाया।
योग शिक्षक आदर्श ने मंच संभाला और सभी को विभिन्न योगासनों की बारीकियां सिखाईं। दारा सिंह चौहान ने भी उत्साह के साथ योग किया। इस साल की थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" पर आधारित इस आयोजन ने सभी को एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का प्रेरणा दिया।
योग सत्र के दौरान, कुछ अधिकारियों और उपस्थित लोगों ने पहली बार जटिल आसनों को आजमाया।
मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री दारा सिंह चौहान ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी।
वहीं, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ के डी-कंपनी वाले बयान पर तीखा पलटवार किया। इस पर प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, "जब पूरा देश योग के रंग में डूबा है, तब कुछ लोग डी-कंपनी की बात कर रहे हैं। सीएम योगी का निशाना उन लोगों पर रहता है, जो प्रदेश की राजनीति को दूषित करने की कोशिश कर रहे हैं।"
मंत्री दारा सिंह चौहान ने मौलाना शहाबुद्दीन के बयान पर भी कहा कि हमारी सरकार न तो जाति देखती है, न धर्म। योग सबके लिए है, और यह एकता और स्वास्थ्य का प्रतीक है। योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन है, जो तन, मन और आत्मा को संतुलित कर स्वस्थ जीवन की राह दिखाता है।