क्या बिहार की भलाई के लिए सत्ता परिवर्तन आवश्यक है? : पशुपति कुमार पारस

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क्या बिहार की भलाई के लिए सत्ता परिवर्तन आवश्यक है? : पशुपति कुमार पारस

सारांश

क्या बिहार की राजनीतिक स्थिति वास्तव में चिंताजनक है? पशुपति कुमार पारस ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, बिहार में जंगलराज और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। क्या अब बिहार में बदलाव की आवश्यकता है? जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनकी राय।

Key Takeaways

  • बिहार में जंगलराज का आरोप
  • कानून व्यवस्था की खस्ता हालत
  • महिलाओं पर अत्याचार का बढ़ता मामला
  • भ्रष्टाचार का बोलबाला
  • सत्ता परिवर्तन की आवश्यकता

पटना, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शनिवार को बिहार की नीतीश सरकार पर तीखे हमले करते हुए कहा कि राज्य में अब सत्ता परिवर्तन की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में जंगलराज व्याप्त है और सुशासन का कोई नामोनिशान नहीं है।

पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, खासकर दलित महिलाओं के मामले में। बिहार में भ्रष्टाचार की स्थिति भी चिंताजनक है। यहां तक कि वीवीआईपी इलाकों में भी फायरिंग हो रही है। भ्रष्टाचार की समस्या इस हद तक बढ़ गई है कि अंचल कार्यालय से लेकर सचिवालय तक बिना पैसे के कोई कार्य नहीं हो रहा। बिहार के लोग इस सरकार से निराश हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार में सत्ता परिवर्तन अब अनिवार्य है। कानून व्यवस्था की खस्ता हालत का मुख्य कारण यह है कि पिछले 20 वर्षों से एक ही व्यक्ति की सरकार है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है, और उनका इलाज चल रहा है। जब मुख्यमंत्री का इलाज चल रहा हो, तो वे राज्य को कैसे संभाल सकते हैं? बिहार की स्थिति गंभीर है।

उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने संगठन को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। अब तक 25 जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। बिहार के लोग अब नई सरकार की मांग कर रहे हैं। हालांकि बिहार में डबल इंजन की सरकार है, लेकिन राज्य में कोई बड़ा कार्य नहीं हो रहा। बिहार कई मामलों में पीछे है। चुनाव लड़ने के सवाल पर पशुपति कुमार पारस ने कहा कि वे उसी गठबंधन के साथ जाएंगे जिनकी विचारधारा उनकी पार्टी के साथ मेल खाती है। उनकी पार्टी सामाजिक न्याय का समर्थन करती है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि गठबंधन में जो भी सीटें मिलेंगी, उनकी पार्टी उन पर चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी। अभी किसी गठबंधन में सीटों का निर्णय नहीं हुआ है। पारस ने कहा, "लालू प्रसाद के जन्मदिन पर बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर को लेकर जिस तरह से भाजपा राजनीति कर रही है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लालू यादव कभी भी अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकते। लालू यादव और हमारे पार्टी के संस्थापक दिवंगत नेता रामविलास पासवान ने लंबे समय तक एक साथ काम किया और बाबासाहेब के सपने को साकार करने का प्रयास किया। भाजपा पूरी तरह से अंबेडकर विरोधी है। भाजपा और आरएसएस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीतिक स्थिति में बदलाव की आवश्यकता है। पशुपति कुमार पारस के बयान से यह जाहिर होता है कि जनता के बीच असंतोष बढ़ रहा है। सुशासन और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

पशुपति कुमार पारस ने नीतीश सरकार पर क्या आरोप लगाए?
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि बिहार में जंगलराज है और सुशासन का अभाव है। उन्होंने कानून व्यवस्था, महिलाओं पर अत्याचार और भ्रष्टाचार के मामलों पर भी सरकार को घेरा।
बिहार में सत्ता परिवर्तन की आवश्यकता क्यों है?
पारस के अनुसार, पिछले 20 वर्षों से एक ही व्यक्ति की सरकार है, जिससे कानून व्यवस्था खराब हो गई है और जनता निराश है।
पारस कौन से गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे?
पारस ने कहा कि वे उसी गठबंधन के साथ जाएंगे जिनकी विचारधारा उनकी पार्टी से मेल खाती है।