क्या पाकिस्तान के सात जिलों में सीवेज नमूनों में पोलियो वायरस पाया गया है?

Click to start listening
क्या पाकिस्तान के सात जिलों में सीवेज नमूनों में पोलियो वायरस पाया गया है?

सारांश

पाकिस्तान में जारी पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत, पर्यावरण नमूनों में जंगली पोलियोवायरस का पता चला है। स्वास्थ्य अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति चिंताजनक है। जानिए, इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा और टीकाकरण की आवश्यकता क्यों है।

Key Takeaways

  • पाकिस्तान के सात जिलों में पोलियो वायरस का पता चला है।
  • जंगली पोलियोवायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी1) की पुष्टि हुई है।
  • टीकाकरण के माध्यम से ही इस बीमारी को रोका जा सकता है।
  • स्वास्थ्य अधिकारियों ने जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता बताई है।
  • पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम में 45 मिलियन बच्चों तक पहुंच बनाई गई है।

इस्लामाबाद, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) ने शनिवार को एक रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान के सात जिलों से एकत्र किए गए पर्यावरण नमूनों में जंगली पोलियोवायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी1) का पता चला है।

इस्लामाबाद स्थित एनआईएच की पोलियो उन्मूलन के लिए क्षेत्रीय संदर्भ प्रयोगशाला के अनुसार, ये नमूने पाकिस्तान के चल रहे पर्यावरण निगरानी कार्यक्रम के तहत 8 मई से 23 मई के बीच एकत्र किए गए थे।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर और क्वेटा, पूर्वी पंजाब प्रांत के रावलपिंडी, उत्तर-पश्चिम खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दक्षिण वजीरिस्तान ऊपरी और दक्षिण वजीरिस्तान निचले तथा दक्षिणी सिंध प्रांत के लरकाना और मीरपुर खास से लिए गए सीवेज के नमूनों में डब्ल्यूपीवी1 की पुष्टि हुई है।

यह बताया गया कि पंजाब प्रांत के लाहौर और बलूचिस्तान प्रांत के पिशिन से लिए गए नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान के पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम ने 2025 में तीन राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान चलाए हैं, जिनमें 400,000 से अधिक फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के सहयोग से पांच वर्ष से कम आयु के 45 मिलियन से अधिक बच्चों तक पहुंच बनाई गई है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम ने सितंबर 2024 से कठोर टीकाकरण रणनीति लागू की है, जिससे देश भर में पोलियो के मामलों और सकारात्मक पर्यावरणीय नमूनों में लगातार गिरावट आई है।

कार्यक्रम के अनुसार साल 2025 की शुरुआत से पाकिस्तान में पोलियो वायरस के 12 नए मामले सामने आए हैं।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी माता-पिता और देखभाल करने वालों से आग्रह किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक अभियान के दौरान उनके बच्चों को पोलियो की खुराक मिले। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि बार-बार टीकाकरण ही बच्चों को इस बीमारी से बचाने का एकमात्र प्रभावी तरीका है।

जंगली पोलियोवायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी1) पोलियो वायरस का एकमात्र प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला स्ट्रेन है, जो अभी भी दुनिया भर में फैल रहा है। यह एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है, जो मुख्य रूप से पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है और पक्षाघात का कारण बन सकता है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन टीकाकरण से इस बीमारी को रोका जा सकता है।

वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (जीपीईआई) 1988 से पोलियो उन्मूलन के लिए काम कर रही है और इसके मामलों की संख्या में 99.99 प्रतिशत से अधिक की कमी लाने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है।

Point of View

लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों की सजगता और टीकाकरण अभियानों की सक्रियता से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। हमें सभी माता-पिता को जागरूक करना होगा कि बच्चों का टीकाकरण समय पर होना अत्यंत आवश्यक है। राष्ट्र का स्वास्थ्य हमारे भविष्य का आधार है।
NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

पोलियो वायरस क्या है?
पोलियो वायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है और पक्षाघात का कारण बन सकता है।
पाकिस्तान में पोलियो के मामले कितने बढ़ गए हैं?
पाकिस्तान में साल 2025 की शुरुआत से पोलियो वायरस के 12 नए मामले सामने आए हैं।
पोलियो से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
बच्चों को नियमित रूप से पोलियो का टीका लगवाना चाहिए, क्योंकि टीकाकरण ही इस बीमारी से बचाने का एकमात्र प्रभावी तरीका है।