क्या कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को पत्र लिखा, रायचूर में एम्स की स्थापना की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक में एम्स की स्थापना की मांग लंबे समय से लंबित है।
- रायचूर को एम्स के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना गया है।
- यह क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करेगा।
- एम्स से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी आएगी।
- मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई है।
बेंगलुरु, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर राज्य में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के लिए तात्कालिक हस्तक्षेप की अपील की है। मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि कर्नाटक में एम्स की स्थापना की मांग काफी समय से लंबित है और इसे अब प्राथमिकता से मंजूरी मिलनी चाहिए।
सीएम सिद्धारमैया ने बताया कि विस्तृत अध्ययन और संभावित स्थलों के मूल्यांकन के बाद राज्य सरकार ने रायचूर जिले को एम्स के लिए सबसे उपयुक्त स्थान चुना है। उन्होंने कहा कि रायचूर कर्नाटक का एक आकांक्षी जिला है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रति व्यक्ति आय के मामले में अभी भी पीछे है। यह क्षेत्र विकास के प्रारंभिक चरण में है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में रायचूर अन्य जिलों की तुलना में काफी पीछे है। यहाँ एससी/एसटी और पिछड़े वर्गों की जनसंख्या अधिक है, इसलिए एक उच्च स्तर का मेडिकल रेफरल सेंटर स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने यह भी बताया कि कर्नाटक सरकार ने पहले ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को रायचूर में एम्स स्थापित करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भेजी है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य ढांचे को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। रायचूर में एक नया सरकारी मेडिकल कॉलेज और एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित किया गया है, जिससे एम्स जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान के लिए आवश्यक चिकित्सा और प्रशासनिक ढांचे की नींव तैयार है।
उन्होंने आगे कहा कि रायचूर में एम्स का खुलना न केवल रायचूर, बल्कि यदगीर, बल्लारी, कोप्पल, कलबुर्गी और बीदर जैसे जिलों की बड़ी आबादी को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। इसके साथ ही, यह क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा और सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी लाएगा। इसके अलावा, यह गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा के विकेंद्रीकरण में भी सहायता करेगा।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विश्वास जताया कि पीएम मोदी इस अनुरोध को सकारात्मक रूप से स्वीकार करेंगे और कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के एक नए युग की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।