क्या सिंहगर्जनासन खर्राटों की समस्या को दूर कर सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- सिंहगर्जनासन खर्राटों को कम करता है।
- यह श्वसन तंत्र को खोलता है।
- अनिद्रा और तनाव को कम करता है।
- यह चेहरे की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- योग experts की देखरेख में अभ्यास करें।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिंहगर्जनासन एक अत्यंत प्रभावशाली योग मुद्रा है, जो खर्राटों की समस्या को समाप्त करने में मदद करती है। यह आसन गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है, श्वसन तंत्र को खोलता है और सांस की रुकावट को कम करता है। इसके नियमित अभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के अनुसार, सिंहगर्जनासन एक सरल और प्रभावी योगासन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह आसन सिंह की मुद्रा और गर्जना की भांति होता है, जिससे चेहरे, गले और श्वसन तंत्र को विशेष लाभ मिलता है।
सिंहगर्जनासन का नियमित अभ्यास रात में अच्छी नींद लाने में मदद करता है। यह थायरॉइड, टॉन्सिल और सांस संबंधी विकारों में राहत प्रदान करता है। इसे करने से तनाव कम होता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।
सिंहगर्जनासन का अभ्यास करने की विधि बेहद सरल है। सबसे पहले वज्रासन मुद्रा में बैठें। इसके लिए घुटनों को फैलाकर बैठें, एड़ियां नितंबों के नीचे रखें और पैरों के अंगूठे एक-दूसरे से छूते रहें। हाथों को घुटनों पर रखें या उंगलियों को शरीर की ओर करके जमीन पर टिकाएं। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। अब ठोड़ी को दो-तीन इंच ऊपर उठाएं और भौहों के बीच की ओर देखें। इस दौरान नाक से गहरी सांस लें। सांस छोड़ते समय मुंह खोलें, जीभ को पूरी तरह बाहर निकालें और सिंह की तरह ध्वनि के साथ गर्जना करें। इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराएं। अभ्यास के बाद सामान्य सांस लें और आराम करें।
सिंहगर्जनासन गले, कान, नाक, आंख और मुंह की समस्याओं में राहत प्रदान करता है। यह टॉन्सिल, थायरॉइड और सांस संबंधी समस्याओं में लाभदायक होता है। यह चेहरे की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे चेहरे पर चमक आती है और समय से पहले झुर्रियां नहीं पड़तीं।
यह तनाव, क्रोध और अनिद्रा को दूर करता है तथा भावनात्मक संतुलन बनाए रखता है। यह आसन आवाज को मधुर और मजबूत बनाता है, हकलाहट में सुधार करता है। इसके अलावा, यह श्वसन प्रणाली को मजबूत कर इम्यूनिटी बढ़ाता है और सीने की जकड़न को दूर करता है।
योग विशेषज्ञों का कहना है कि सिंहगर्जनासन का रोजाना अभ्यास मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। हालांकि, कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। यदि घुटनों, गले, चेहरे या जीभ में चोट या दर्द हो, तो यह आसन न करें। उच्च रक्तचाप या हृदय रोग वाले मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
गर्जना करते समय जोर न लगाएं, अन्यथा गले में खराश हो सकती है। शुरुआत में योग प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास करें। गर्भवती महिलाएं या गंभीर बीमारी वाले लोगों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।