क्या अल्बनीज नेतन्याहू के बयान से असहमत हैं, फिलिस्तीन पर उनके विचार क्या हैं?

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क्या अल्बनीज नेतन्याहू के बयान से असहमत हैं, फिलिस्तीन पर उनके विचार क्या हैं?

सारांश

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बयानबाजी के बाद, क्या अल्बनीज फिलिस्तीन पर अपने विचारों को स्पष्ट करते हैं? जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में।

Key Takeaways

  • एंथनी अल्बनीज ने नेतन्याहू के बयान के खिलाफ अपनी राय रखी।
  • बोंडी बीच नरसंहार को फिलीस्तीन से जोड़ने की कोशिश की गई।
  • अल्बनीज ने शांति व्यवस्था को प्राथमिकता दी।
  • इजरायली राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग ने हमले की निंदा की।
  • राजनीतिक संवाद में असहमति स्वाभाविक है।

कैनबरा, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने अपने इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के उस बयान पर असहमति व्यक्त की है जिसमें नेतन्याहू ने बोंडी बीच नरसंहार को फिलीस्तीन से जोड़ने का दावा किया।

प्रधानमंत्री अल्बनीज ने नेतन्याहू के इस सुझाव को अस्वीकार कर दिया कि ऑस्ट्रेलिया द्वारा फिलीस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देने से आतंकवादी हमले हुए हैं, जिससे "यहूदी विरोधी आग में घी डाला गया"।

एबीसी के 7.30 रिपोर्ट में उपस्थित अल्बनीज ने नेतन्याहू के बयान का सीधा उत्तर नहीं दिया। नेतन्याहू का आरोप है कि अल्बनीज ने यहूदी-विरोध को फैलने से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया और उन्होंने "कमजोरी को कमजोरी से और तुष्टीकरण को और अधिक तुष्टीकरण से बदल दिया है।"

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने और बोंडी में हुए नरसंहार के बीच संबंध को स्वीकार करते हैं, तो अल्बनीज ने कहा, "नहीं, मैं ऐसा नहीं मानता और अधिकतर दुनिया दो-राज्य समाधान को मध्य पूर्व में आगे बढ़ने का रास्ता मानती है।"

उन्होंने शांति व्यवस्था बनाए रखने को अपनी प्राथमिकता बताया। अल्बनीज ने कहा, "मुझसे क्या अपेक्षा की जाती है: इस समय ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में, देश को एकजुट करना, एकता को बढ़ावा देना... यह कहना कि यह राष्ट्रीय एकता का समय है जहाँ हमें एक साथ आने की आवश्यकता है।"

रविवार को सिडनी के बोंडी बीच पर आठ दिवसीय हनुक्का पर्व का पहला दिन मनाने पहुंचे निहत्थे यहूदियों पर दो आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसे पूरी दुनिया ने कड़ी निंदा की। देर शाम नेतन्याहू ने कहा कि मैंने तीन महीने पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को लिखा था कि आपकी नीति यहूदी-विरोधी भावना की आग में तेल डाल रही है।

उन्होंने यह पत्र अगस्त में एंथनी अल्बनीज को भेजा था, जब कैनबरा ने फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने की घोषणा की थी। नेतन्याहू ने दक्षिणी इजरायल में एक कार्यक्रम के दौरान टेलीविजन पर कहा कि यहूदी विरोध एक ऐसा कैंसर है जो तब फैलता है जब नेता चुप रहते हैं और कोई कार्रवाई नहीं करते।

इससे पहले, इजरायली राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग ने भी हमले की निंदा करते हुए इसे घृणित बताया। उन्होंने कहा कि सिडनी में हमारे बहनों और भाइयों पर एक बहुत ही क्रूर हमला किया गया। ये लोग बोंडी बीच पर हनुक्का की पहली मोमबत्ती जलाने गए थे। उन्होंने कहा कि इस क्षण पूरे इजरायल देश की धड़कन रुक गई है। हम घायल लोगों के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करते हैं। हम उन लोगों के लिए भी प्रार्थना करते हैं जिनकी जान गई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक संवाद में असहमति होना स्वाभाविक है। दोनों नेताओं के दृष्टिकोण अलग-अलग हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि वे संवाद बनाए रखें और शांति की दिशा में आगे बढ़ें।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या अल्बनीज ने नेतन्याहू के बयान पर प्रतिक्रिया दी?
हाँ, उन्होंने नेतन्याहू के बयान पर असहमति व्यक्त की और इसे खारिज किया।
बोंडी बीच नरसंहार क्या है?
यह एक हालिया घटना है जिसमें निहत्थे यहूदियों पर आतंकवादियों ने हमला किया।
अल्बनीज का फिलिस्तीन पर क्या विचार है?
उन्होंने कहा कि वह फिलिस्तीन को मान्यता देने और बोंडी नरसंहार के बीच किसी संबंध को स्वीकार नहीं करते।
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