क्या बांग्लादेश में हिरासत में लिया गया एक और पत्रकार, यूनुस के नेतृत्व में 878 जर्नलिस्टों को परेशान किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में पत्रकारों की सुरक्षा खतरे में है।
- अनीस आलमगीर जैसे वरिष्ठ पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है।
- 878 पत्रकारों को परेशान किया गया है।
- प्रेस की आजादी पर गंभीर खतरे हैं।
- इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय चिंता बढ़ रही है।
ढाका, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे-जैसे बांग्लादेश में चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, देश में हिंसा और तनाव का माहौल गहराता जा रहा है। हर दिन हिंसा के मामलों की बढ़ती संख्या पत्रकारों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रही है।
पत्रकारों के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। बांग्लादेश के स्थानीय मीडिया ने बताया कि वरिष्ठ पत्रकार अनीस आलमगीर को ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) ने विशेष मुद्दों पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। इसके बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू की गई।
हाल के दिनों में बांग्लादेश में पत्रकारों पर हमले बढ़ने से प्रेस की आजादी को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हुई हैं। एक हफ्ते के भीतर, ऑन-ड्यूटी पत्रकार रिसान पर हमला हुआ। ढाका-8 से निर्दलीय उम्मीदवार और इकबाल मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान बिन हादी को दो बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मारी।
इसके बाद, 12 दिसंबर की दोपहर को रिसान ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (डीएमसीएच) में हादी पर हुई गोलीबारी के बारे में जानकारी जुटा रहे थे, तभी हादी के समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया।
जुलाई की शुरुआत में, बाहर से आए 88 पत्रकारों, लेखकों, शोधकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह ने यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में "पत्रकारों पर लगातार टॉर्चर और बोलने की आजादी को दबाने" पर चिंता जताई थी।
इस महीने की शुरुआत में, कई अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने बांग्लादेश में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की। विशेषज्ञों ने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन बढ़ रहे हैं और राजनीतिक प्रतिशोध के लिए झूठे और मनगढ़ंत मामलों का सहारा लिया जा रहा है।
कनाडा के थिंक टैंक 'ग्लोबल सेंटर फॉर डेमोक्रेटिक गवर्नेंस (जीसीडीजी)' ने 'बांग्लादेश इन क्राइसिस: ह्यूमन राइट्स, जस्टिस, एंड द फ्यूचर ऑफ डेमोक्रेसी' नामक एक वर्चुअल अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया।
इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। स्विट्जरलैंड के पब्लिक रेडियो की संपादक, शार्लेट जैक्वेमर्ट ने बताया कि यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत अगस्त 2024 और जुलाई 2025 के बीच पत्रकारों के खिलाफ 195 आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 550 फीसदी अधिक है।
सेमिनार के बाद जीसीडीजी की ओर से जारी एक प्रेस स्टेटमेंट में कहा गया, "उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि इसी दौरान (अगस्त 2024 और जुलाई 2025 के बीच) 878 पत्रकारों को विभिन्न तरीकों से परेशान किया गया। जैक्वेमर्ट ने पत्रकारों के खिलाफ सभी मनगढ़ंत केस वापस लेने और गिरफ्तार किए गए लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग की।"