क्या काबुली चने सेहत के लिए नेमत हैं और दिल का ख्याल भी रखते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- छोले में उच्च प्रोटीन और फाइबर होते हैं।
- यह दिल की सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
- डायबिटीज के लिए सुरक्षित विकल्प है।
- यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं।
- त्वचा के लिए फायदेमंद हैं।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज की बदलती जीवनशैली में लोगों की चाहत स्वाद और सेहत दोनों की है। बाजार में कई हेल्दी विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ पारंपरिक खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जो न केवल हमारी रसोई का हिस्सा हैं, बल्कि पोषण के मामले में भी अद्वितीय हैं और सुपरफूड से कम नहीं हैं। छोले या काबुली चने इनमें से एक हैं, जिन्हें हम वर्षों से सेवन कर रहे हैं।
अमेरिका के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, छोले में उच्च मात्रा में प्रोटीन और डाइटरी फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है और शरीर को लंबी अवधि तक ऊर्जावान बनाए रखता है। साथ ही, फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखने में सहायक होता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और वजन नियंत्रण में रहता है।
इसके अतिरिक्त, शोध में यह पाया गया है कि छोले में मौजूद पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन-बी6 हृदय की कार्यक्षमता को सुधारते हैं और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है। साथ ही, पाचन संबंधित समस्याओं में भी राहत मिलती है।
छोले में मौजूद प्राकृतिक फाइबर और प्रीबायोटिक्स आंतों के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
छोले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा को तेजी से नहीं बढ़ने देता। डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए यह अत्यधिक लाभकारी है। इसमें प्रोटीन और फाइबर का समुचित संयोजन रक्त शर्करा को स्थिर रखने में मदद करता है।
छोले के एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करते हैं। यह न केवल उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी रक्षा करते हैं। इसके अलावा, विटामिन-सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है।