क्या आप जानते हैं आयुर्वेदिक टिप्स से स्ट्रेस और टेंशन को कैसे कहें अलविदा? रोजाना करें शंखपुष्पी का सेवन

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क्या आप जानते हैं आयुर्वेदिक टिप्स से स्ट्रेस और टेंशन को कैसे कहें अलविदा? रोजाना करें शंखपुष्पी का सेवन

सारांश

क्या आप तनाव और चिंता से परेशान हैं? शंखपुष्पी की अद्भुत औषधीय गुणों से जानें कैसे इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। यह न केवल याद्दाश्त को बढ़ाती है, बल्कि एकाग्रता में भी सुधार करती है।

Key Takeaways

  • शंखपुष्पी का नियमित सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
  • यह याद्दाश्त और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करती है।
  • शरीर के नर्वस सिस्टम को शांत करती है।
  • मूत्र रोगों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
  • गर्भवती महिलाओं को इसे सावधानी से लेना चाहिए।

नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। शंखपुष्पी एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे सदियों से दिमाग के टॉनिक के रूप में माना जाता है। इसका पौधा छोटा और जमीन पर फैला होता है, जबकि इसके नीले या सफेद फूल एक सीपी की तरह दिखते हैं, इसलिए इसे शंखपुष्पी कहा जाता है।

यह न केवल याद्दाश्त और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करती है, बल्कि दिमाग को ठंडक और मन को शांति भी देती है।

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में जहां तनाव और चिंता आम बात हो गई है, वहां शंखपुष्पी का नियमित सेवन लाभकारी साबित होता है। यह जड़ी-बूटी बुद्धि, स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक है। उम्र बढ़ने पर जब याद्दाश्त कमजोर होने लगती है, तब भी यह प्रभावी रहती है।

आयुर्वेद के अनुसार, यह दिमाग को पोषण देती है और मानसिक तनाव, चिंता, डिप्रेशन तथा अल्जाइमर जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करती है। यह शरीर के नर्वस सिस्टम को शांत करती है, जिससे नींद में सुधार होता है और मूड संतुलित रहता है।

शंखपुष्पी का उपयोग केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि कई शारीरिक बीमारियों में भी किया जाता है। मूत्र रोगों में यह बहुत प्रभावी है। पेशाब में जलन, दर्द या रुकावट जैसी समस्याओं में इसका चूर्ण दूध, शहद या छाछ के साथ लेना फायदेमंद होता है। इसके प्राकृतिक तत्व खून को साफ करते हैं और हृदय के लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं। यह ब्लड क्लॉट और हार्ट ब्लॉक जैसी समस्याओं के खतरे को कम करता है।

मिर्गी के रोगियों को शंखपुष्पी का रस और शहद मिलाकर देना फायदेमंद माना जाता है। मधुमेह में इसका चूर्ण सुबह-शाम पानी या गाय के मक्खन के साथ लेने से शुगर नियंत्रित रहती है। यह खून की उल्टी, नकसीर और पीलिया जैसी बीमारियों में भी राहत देती है। यदि किसी को खून की उल्टी या नाक से खून आने की समस्या हो, तो इसका रस दूब घास और गिलोय के रस के साथ लेने से तुरंत लाभ होता है।

शंखपुष्पी का उपयोग त्वचा के लिए भी किया जाता है। इसके फूलों का रस चेहरे की झुर्रियों को कम करता है और त्वचा को जवां बनाए रखता है। पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे पेचिश, बवासीर या पीलिया में भी यह एक प्राकृतिक औषधि की तरह काम करती है।

हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। ज्यादा लेने से पेट दर्द या हल्की सुस्ती हो सकती है। गर्भवती महिलाएं या छोटे बच्चे इसे वैद्य की सलाह से ही लें।

Point of View

शंखपुष्पी एक अद्वितीय आयुर्वेदिक औषधि है जो न केवल मानसिक स्वास्थ्य बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी उपयोगिता और प्रभावशीलता को देखते हुए इसे दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

शंखपुष्पी का सेवन कैसे करें?
शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या शहद के साथ लिया जा सकता है।
क्या शंखपुष्पी से कोई साइड इफेक्ट्स हैं?
यदि अधिक मात्रा में सेवन किया जाए, तो पेट दर्द या हल्की सुस्ती हो सकती है।
क्या गर्भवती महिलाएं शंखपुष्पी का सेवन कर सकती हैं?
गर्भवती महिलाओं को इसे लेने से पहले वैद्य की सलाह लेनी चाहिए।
क्या शंखपुष्पी से मानसिक तनाव कम होता है?
हाँ, यह मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन में राहत प्रदान करती है।
शंखपुष्पी का पौधा कैसा होता है?
यह एक छोटा पौधा है जो जमीन पर फैलता है और इसके नीले या सफेद फूल होते हैं।