क्या त्रिपुरा सरकार सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है? मुख्यमंत्री माणिक साहा
सारांश
Key Takeaways
- राज्य का पहला सरकारी डेंटल कॉलेज स्थापित हुआ।
- मुख्यमंत्री माणिक साहा ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर जोर दिया।
- कॉलेज में BDS पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई।
- स्वास्थ्य अवसंरचना के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
- आईजीएम अस्पताल का नवीनीकरण जारी है।
अगरतला, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि राज्य के पहले और एकमात्र सरकारी डेंटल कॉलेज की स्थापना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसने जनता की दीर्घकालिक आकांक्षाओं को पूरा किया है।
मुख्यमंत्री ने अगरतला सरकारी डेंटल कॉलेज के तृतीय स्थापना दिवस समारोह में कहा कि इस कॉलेज ने बहुत कम समय में शिक्षा, चिकित्सा प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर अपनी पहचान बनाई है।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने पुराने इंदिरा गांधी मेमोरियल (आईजीएम) अस्पताल भवन के भूकंप-रोधी नवीनीकरण का उद्घाटन किया और बाद में नए भवन के निर्माण के लिए भूमिपूजन समारोह में भी भाग लिया।
स्वास्थ्य अवसंरचना के विस्तार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने इतनी कम अवधि में डेंटल कॉलेज की स्थापना नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नीत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि चिकित्सा सेवाओं में किसी प्रकार का भेदभाव न हो और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री साहा ने कहा, “इस सरकारी डेंटल कॉलेज की यात्रा वर्ष 2023 में शुरू हुई। राज्य सरकार की सक्रिय पहल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से यह कॉलेज निरंतर प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।” उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री स्वयं भी पेशे से दंत चिकित्सक हैं।
उन्होंने कहा कि अब राज्य के छात्र उन्नत दंत चिकित्सा शिक्षा के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर नहीं हैं और आम जनता को भी बेहतर चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि वर्ष 2018 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद जनहित, छात्रों के भविष्य और स्वास्थ्य व्यवस्था के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए डेंटल कॉलेज की स्थापना की गई। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 से कॉलेज में BDS पाठ्यक्रम की शुरुआत 50 सीटों के साथ हुई थी, जिसे अब बढ़ाकर 63 कर दिया गया है। आज इस संस्थान की देशभर में सराहना हो रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि त्रिपुरा सरकार राज्यभर में बुनियादी ढांचे के विकास और सुधारों के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुराने आईजीएम अस्पताल भवन का नवीनीकरण करते समय उसकी ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि अस्पताल के मूल भवन का नवीनीकरण उसी तर्ज पर किया जाएगा, जैसे उज्जयंत पैलेस और पुष्पबंत पैलेस का संरक्षण किया गया है। इस अस्पताल की स्थापना महाराजा बीर चंद्र माणिक्य बहादुर ने वर्ष 1873 में ‘विक्टोरिया मेमोरियल’ के नाम से 30 बिस्तरों के साथ की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थापना दिवस छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए गर्व का विषय है, साथ ही यह उन्हें संस्थान की गरिमा और प्रतिष्ठा बनाए रखने की जिम्मेदारी भी याद दिलाता है। उन्होंने डॉक्टरों से सेवा भावना के साथ कार्य करने का आह्वान किया और दोहराया कि स्वास्थ्य सेवाएं समाज के हर वर्ग तक पहुंचनी चाहिए।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के सचिव किरण गित्ते, डेंटल कॉलेज की प्राचार्य शालू राय, स्वास्थ्य सेवाओं की निदेशक देबाश्री देबबर्मा, चिकित्सा शिक्षा निदेशक एच.पी. शर्मा, परिवार कल्याण एवं रोग निवारण निदेशक अंजन दास और राज्य स्वास्थ्य मिशन के निदेशक साजू वाहिद ए. सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।