क्या उत्तानासन शरीर को मजबूत और दिमाग को तरोताजा करता है?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तानासन शरीर को मजबूती प्रदान करता है।
- यह मानसिक तनाव को कम करने में सहायक है।
- सिरदर्द और अनिद्रा से राहत देता है।
- पाचन तंत्र को मज़बूत करता है।
- जोड़ों के दर्द में राहत पहुँचाता है।
नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। योग केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि शरीर और मन को एक साथ जोड़ने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। यह न केवल हमें स्वस्थ रहने में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। योग का नियमित अभ्यास हमारी ऊर्जा को बनाए रखता है और हमें दिनभर ताजगी का अनुभव कराता है। योग के अनेक आसनों में से एक है 'उत्तानासन', जो शरीर को मजबूती और दिमाग को ताजगी प्रदान करता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, उत्तानासन एक ऐसा आसन है जो शरीर के विभिन्न भागों को खींचता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं या कंप्यूटर पर काम करते हैं। उत्तानासन से कई मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे पिंडली, जांघ, कमर और पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
इस आसन का अभ्यास मानसिक तनाव को कम करने में भी सहायक है। जब हम उत्तानासन करते हैं, तो शरीर के निचले हिस्से से रक्त दिमाग की ओर तेजी से बढ़ता है, जिससे दिमाग में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है और यह मानसिक तनाव को कम करता है।
उत्तानासन सिरदर्द और अनिद्रा से राहत भी प्रदान करता है। जब हम इस आसन में शरीर को झुकाते हैं, तो मस्तिष्क में रक्त का संचार बेहतर होता है, जो सिरदर्द को कम करता है और तनाव घटाकर अच्छी नींद लाने में सहायता करता है।
यह पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है और भोजन को जल्दी पचाने में मदद करता है। इस आसन के दौरान पेट और उसके आस-पास की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है, जिससे गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
जांघों और घुटनों की मजबूती के लिए उत्तानासन अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब हम इस आसन को करते हैं, तो मांसपेशियों पर दबाव डालने से जोड़ों में दर्द से राहत मिलती है और शरीर का संतुलन बेहतर होता है।
उत्तानासन करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को हिप्स पर रखें। फिर गहरी सांस लें और कमर को मोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें। अब अपने हाथों से टखने पकड़ें और पैरों को समानांतर और सीधा रखें। इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक बने रहें। अंत में, धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए फिर से सीधे खड़े हो जाएं।
उत्तानासन करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना आवश्यक है। यदि आपकी पीठ या कमर में चोट है तो इस आसन का अभ्यास न करें। साइटिका जैसी समस्याओं वाले व्यक्तियों के लिए यह आसन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह दर्द को बढ़ा सकता है। गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह के बिना इस आसन का अभ्यास न करें।