क्या वायु प्रदूषण में धातु और सल्फेट के मिश्रण से अस्थमा बिगड़ सकता है?

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क्या वायु प्रदूषण में धातु और सल्फेट के मिश्रण से अस्थमा बिगड़ सकता है?

सारांश

क्या वायु प्रदूषण अस्थमा को और बढ़ा सकता है? नई शोध बताती है कि धातु और सल्फेट जैसे प्रदूषक अस्थमा के मरीजों के लिए गंभीर खतरा हैं। जानें कैसे इनसे बचा जा सकता है और अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता है।

Key Takeaways

  • वायु प्रदूषण अस्थमा के लिए गंभीर खतरा है।
  • धातुएं जैसे निकल और वैनेडियम अस्थमा को बढ़ा सकते हैं।
  • बच्चों में अस्थमा के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • सफाई उपकरणों का उपयोग प्रदूषण को कम कर सकता है।
  • भविष्य में और अध्ययन की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 30 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि हवा में उपस्थित सूक्ष्म प्रदूषक कण (पीएम 2.5) अस्थमा के रोगियों के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकते हैं। विशेष रूप से धातुएं जैसे निकल, वैनेडियम, और सल्फेट कण अस्थमा को और अधिक गंभीर बना सकते हैं, जिसके चलते मरीजों को अस्पताल जाने की आवश्यकता पड़ सकती है।

यह अध्ययन ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ है। इसमें उल्लेख किया गया है कि जब हवा में ये प्रदूषक थोड़े भी बढ़ते हैं, तो बच्चों में अस्थमा के कारण अस्पताल जाने की संभावना लगभग 10 प्रतिशत और 19 से 64 वर्ष8 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।

अध्ययन में निकल, वैनेडियम, सल्फेट, नाइट्रेट, ब्रोमीन, और अमोनियम को अस्थमा की गंभीरता बढ़ाने वाले प्रमुख तत्वों के रूप में पहचाना गया है।

हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में पर्यावरण महामारी विज्ञान के प्रोफेसर और प्रमुख लेखक जोएल श्वार्ट्ज ने कहा, "यदि हमें अस्थमा के मरीजों की संख्या को कम करना है, तो इन प्रदूषण स्रोतों पर नियंत्रण करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, निकल और वैनेडियम का उत्सर्जन तेल जलाने से होता है, जो बड़े भवनों में हीटिंग या भारी तेलों के उपयोग से उत्पन्न होता है। सल्फेट का उत्सर्जन कोयला जलाने से होता है। इसे रोकने के लिए कोयला दहन संयंत्रों में सफाई उपकरण लगाए जा सकते हैं या कोयले की जगह कम प्रदूषण वाले ईंधन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

अभी तक अधिकांश शोध केवल अलग-अलग प्रदूषकों या पूरे पीएम 2.5 के प्रभाव को देखते थे। लेकिन इस नए अध्ययन में मशीन लर्निंग और पुराने शोध का उपयोग कर यह पता लगाया गया कि पीएम 2.5 में ब्रोमीन, कैल्शियम, तांबा, कार्बन, लोहा, पोटेशियम, अमोनियम, निकल, नाइट्रेट, सीसा, सिलिकॉन, सल्फेट, वैनेडियम, और जिंक जैसे तत्व शामिल होते हैं।

शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती 4 लाख 69 हजार से अधिक अस्थमा मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण किया, और यह पता लगाया कि कौन सा प्रदूषक कितना असर डालता है।

टीम का मानना है कि भविष्य में और अध्ययन की आवश्यकता है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कम समय तक भी इन सूक्ष्म प्रदूषकों के संपर्क में आने पर अस्थमा की स्थिति कितनी बिगड़ सकती है।

Point of View

अपितु मानव स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा है। हमें इसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
30/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या वायु प्रदूषण अस्थमा को बढ़ाता है?
जी हां, हाल के शोध में यह बताया गया है कि वायु प्रदूषण, विशेष रूप से धातुओं और सल्फेट के मिश्रण से, अस्थमा की गंभीरता बढ़ सकती है।
कौन से प्रदूषक अस्थमा के लिए खतरनाक हैं?
अध्ययन में निकल, वैनेडियम, सल्फेट, नाइट्रेट और अन्य तत्वों को अस्थमा के लिए खतरनाक बताया गया है।
बच्चों में अस्थमा के बढ़ने की संभावना कितनी है?
जब हवा में प्रदूषक बढ़ते हैं, तो बच्चों में अस्थमा के कारण अस्पताल जाने की संभावना लगभग 10 प्रतिशत बढ़ जाती है।
क्या हम प्रदूषण को नियंत्रित कर सकते हैं?
हां, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमें सफाई उपकरणों का उपयोग और कम प्रदूषण वाले ईंधनों का प्रयोग करना चाहिए।
क्या यह अध्ययन महत्वपूर्ण है?
बिल्कुल, यह अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि हमें अपने स्वास्थ्य के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।