क्या डब्ल्यूएचओ ने भारत के तीन सिरप को खतरनाक बताया है?

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क्या डब्ल्यूएचओ ने भारत के तीन सिरप को खतरनाक बताया है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि डब्ल्यूएचओ ने भारत के तीन सिरप को खतरनाक बताया है? जानिए क्यों ये सिरप बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं और सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।

Key Takeaways

  • डब्ल्यूएचओ द्वारा तीन सिरपों को खतरनाक घोषित किया गया है।
  • कोल्ड्रिफ सिरप में डीईजी की मात्रा सुरक्षित स्तर से अधिक है।
  • सरकार ने कफ सिरप के उपयोग पर सख्त निर्देश जारी किए हैं।
  • दवा कंपनियों की गुणवत्ता की जांच की जा रही है।
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सख्त नियंत्रण की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में निर्मित तीन मिलावटी दवाओं की पहचान की है, जिनमें सबसे प्रमुख कोल्ड्रिफ कफ सिरप है। यह सिरप भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स नामक कंपनी द्वारा बनाई गई थी।

कुछ हफ्ते पहले मध्य प्रदेश में कई बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद यह मामला तेजी से उभरा, जिससे पूरे देश में चिंता और हड़कंप मच गया।

डब्ल्यूएचओ की जांच में यह सामने आया कि कोल्ड्रिफ सिरप में एक अत्यंत जहरीला रसायन डायथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) की मात्रा बहुत अधिक पाई गई है। यह एक ऐसा रसायन है जो मानव शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है। यह किडनी और लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है और बच्चों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है।

कोल्ड्रिफ सिरप में इस रसायन की मात्रा 48 प्रतिशत से अधिक पाई गई, जबकि इसकी सुरक्षित मात्रा केवल 0.1 प्रतिशत होनी चाहिए।

कोल्ड्रिफ के अलावा, दो अन्य सिरप भी डब्ल्यूएचओ की चेतावनी में शामिल हैं। पहली रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स की रेस्पिफ्रेश टीआर और दूसरी शेप फार्मा की रीलाइफडब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से अनुरोध किया है कि यदि ये सिरप किसी देश में मिलते हैं, तो इसकी जानकारी तुरंत डब्ल्यूएचओ को दें, ताकि समय पर कार्रवाई हो सके।

जांच के दौरान, श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की दवा बनाने की अनुमति को सरकार ने तुरंत रद्द कर दिया और कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद तमिलनाडु में सभी दवा कंपनियों की फैक्ट्रियों की गहन जांच शुरू की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं और गुणवत्ता में लापरवाही तो नहीं हो रही है।

मध्य प्रदेश में हुई बच्चों की मौतों के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की है। इस सलाह में कहा गया है कि दो साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल न दिया जाए। इसके अलावा, पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी ऐसे सिरप केवल आवश्यकता होने पर ही दिए जाएं। सरकार ने चिकित्सकों और फार्मेसियों को चेतावनी दी है कि बच्चों के लिए दवाइयों को बहुत सतर्कता से लिखें और बेचें।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना देश की दवा कंपनियों की निगरानी प्रणाली में बड़ी खामी को उजागर करती है। उनका मानना है कि अब समय आ गया है कि भारत में दवा बनाने की प्रक्रिया पर सख्त नियंत्रण रखा जाए और हर बैच की कड़ी जांच की जाए।

Point of View

यह घटना हमारे देश की दवा सुरक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करती है। हमें अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

डब्ल्यूएचओ ने किन सिरपों को खतरनाक बताया?
डब्ल्यूएचओ ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप, रेस्पिफ्रेश टीआर, और रीलाइफ सिरप को खतरनाक बताया है।
कोल्ड्रिफ सिरप में क्या खतरनाक तत्व पाया गया?
कोल्ड्रिफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) की अत्यधिक मात्रा पाई गई है।
सरकार ने बच्चों के लिए कफ सिरप के बारे में क्या निर्देश दिए हैं?
सरकार ने निर्देश दिया है कि दो साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाए।