क्या याददाश्त हो रही कमजोर? ये चीजें दिमाग को बना सकती हैं तेज और ताकतवर

सारांश
Key Takeaways
- ओमेगा-3 मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- अखरोट और अलसी के बीज से याददाश्त में सुधार होता है।
- चिया सीड्स मानसिक थकान को कम करते हैं।
- सोयाबीन दिमागी ऊर्जा को बढ़ाता है।
- सही आहार से आप अपनी याददाश्त में सुधार कर सकते हैं।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान समय में हर कोई दूसरों से आगे बढ़ने और उन्नति करने की चाह रखता है, जिसके लिए मजबूत शरीर और मजबूत मानसिकता का होना आवश्यक है। मजबूत याददाश्त हमारी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन अगर आप भागदौड़ भरी जिंदगी में भूलने की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो अपने आहार में कुछ महत्वपूर्ण चीजें शामिल करना अनिवार्य है।
हमारा मस्तिष्क 60 प्रतिशत तक वसा से बना होता है, जिसमें एक महत्वपूर्ण हिस्सा ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो न केवल ब्रेन सेल्स को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि सूचनाओं के आदान-प्रदान और आपस में जुड़ने की प्रक्रिया को भी तेज करता है।
वैज्ञानिक अनुसंधान दर्शाते हैं कि जो लोग ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ लेते हैं, उनकी याददाश्त अधिक बेहतर होती है। इससे लोग तनाव को बेहतर तरीके से संभालते हैं और उम्र के साथ होने वाली मानसिक कमजोरी से भी बचते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों में ओमेगा-3 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
अखरोट: यह आकार में दिमाग जैसा होता है। इसमें ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा होती है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को मजबूत बनाता है और उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है। अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन ई नसों के तंत्र को सक्रिय बनाए रखते हैं, जिससे सोचने-समझने की क्षमता में वृद्धि होती है। रोजाना 2-3 अखरोट खाने से न केवल याददाश्त में सुधार होता है, बल्कि मस्तिष्क लंबे समय तक सक्रिय और स्वस्थ रहता है।
अलसी के बीज: ये छोटे बीज, जो दिखने में साधारण लगते हैं, वास्तव में पोषण का खजाना हैं। ये ओमेगा-3 का एक उत्तम स्रोत हैं। इनमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए) होता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं में लचीलापन बनाए रखने और नए न्यूरॉन कनेक्शन बनाने में मदद करता है। इसे अपने भोजन में आसानी से शामिल किया जा सकता है। यह ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और मानसिक थकान को भी कम करता है।
चिया सीड्स: इन बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और प्रोटीन
सोयाबीन: इसे ओमेगा-3 का एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है। सोयाबीन न केवल ओमेगा-3, बल्कि प्रोटीन और लेसिथिन का भी समृद्ध स्रोत है, जो ब्रेन सेल्स को मजबूत बनाता है। टोफू, जिसे सोया पनीर भी कहते हैं, मस्तिष्कीय ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है और सोचने की क्षमता को बढ़ाता है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो शुद्ध शाकाहारी हैं।