क्या भारत-इंडोनेशिया नौसैनिक वार्ता से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ेगी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और इंडोनेशिया के बीच 13वीं नौसैनिक वार्ता सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
- द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यासों को सुदृढ़ करने पर जोर।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामुद्रिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए ठोस तंत्र विकसित किया जाएगा।
- भारत-इंडोनेशिया के संबंधों को “मैत्री का सेतु” कहा गया।
- भारत और म्यांमार के बीच त्रिदलीय सैन्य-सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम की शुरुआत।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और इंडोनेशिया के बीच नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण वार्ता का आयोजन हुआ। यह नौसैनिक वार्ता थी जिसमें दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग पर चर्चा की। भारत और इंडोनेशिया के वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों ने द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यासों के संबंध में भी बातचीत की।
भारतीय नौसेना के अनुसार, यह 13वीं नौसैनिक स्टाफ वार्ता थी जो नई दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता रियर एडमिरल निर्भय बापना ने की, जबकि इंडोनेशिया के प्रतिनिधि मंडल की ओर से रियर एडमिरल रेटियोनो कुंटो ने सह-अध्यक्षता की।
भारत-इंडोनेशिया नौसैनिक वार्ता के दौरान, दोनों देशों ने संचालनात्मक सहयोग को बढ़ाने, द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यासों को सुदृढ़ करने और प्रशिक्षण सहयोग के नए अवसरों पर गहन चर्चा की। दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामुद्रिक सुरक्षा को सहयोगात्मक रूप से आगे बढ़ाने के लिए एक ठोस तंत्र विकसित करने पर सहमति जताई। इस अवसर पर भारत-इंडोनेशिया संबंधों को “मैत्री का सेतु” कहा गया।
वहीं दूसरी ओर, भारत और म्यांमार के बीच त्रिदलीय सैन्य-सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम की शुरुआत भी हुई। यह तीसरा तीन-दिवसीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम है। भारतीय वायुसेना का आईएल-76 विमान 120 भारतीय जवानों और अधिकारियों को म्यांमार की राजधानी नेपीडाॅ पहुंचाया।
म्यांमार सशस्त्र बलों का प्रतिनिधिमंडल भी इसी विमान से भारत के बोधगया पहुंचा है, जहां विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को एक नए सांस्कृतिक आयाम के साथ मजबूत करेगा। इन दो सैन्य पहलों के माध्यम से, भारत ने दक्षिण-पूर्व एशिया के अपने रणनीतिक साझेदार देशों—इंडोनेशिया और म्यांमार—के साथ रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूती प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।