क्या जाम्बिया के किसानों ने चीनी कंपनियों के खिलाफ 80 अरब डॉलर का मुकदमा दायर किया है?

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क्या जाम्बिया के किसानों ने चीनी कंपनियों के खिलाफ 80 अरब डॉलर का मुकदमा दायर किया है?

सारांश

क्या जाम्बिया के किसानों ने चीनी कंपनियों के खिलाफ 80 अरब डॉलर का मुकदमा दायर किया है? यह मामला एक बांध के ढहने के बाद के पर्यावरणीय संकट से जुड़ा है, जिसमें लाखों लीटर अम्लीय पदार्थ जलमार्गों में फैल गया। जानें इस विवाद की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • किसानों का मुकदमा: जाम्बिया के किसानों ने 80 अरब डॉलर का मुकदमा दायर किया है।
  • पर्यावरणीय संकट: बांध के ढहने से अम्लीय पानी का रिसाव हुआ है।
  • स्वास्थ्य प्रभाव: किसानों ने कई स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी दी है।
  • दिलचस्प तथ्य: यह जाम्बिया का सबसे बड़ा पर्यावरणीय विवाद है।
  • आपातकालीन कोष: किसानों ने 2 करोड़ डॉलर की मांग की है।

नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य अफ्रीका के जाम्बिया में किसानों ने चीनी कंपनियों के खिलाफ 80 अरब डॉलर का मुकदमा दायर किया है। किसानों का आरोप है कि फरवरी में तांबे की खनन प्रक्रिया से निकले कचरे को संग्रहित करने वाले एक बांध के ढहने के कारण "पारिस्थितिक असंतुलन" हुआ।

कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, किसानों ने अदालती दस्तावेजों में कहा कि लाखों लीटर अत्यधिक अम्लीय पदार्थ जलमार्गों में फैल गया, जिससे मछलियों की बड़ी संख्या में मौत हो गई, पानी पीने योग्य नहीं रहा और उनकी फसलें नष्ट हो गईं।

यह मुकदमा उन ग्रामीणों द्वारा दायर किया गया है, जिनमें अधिकांश किसान हैं, और ये चीन की सरकारी कंपनियों की सहायक कंपनियों सिनो मेटल्स लीच जाम्बिया और एनएफसी अफ्रीका माइनिंग के खिलाफ है।

किसानों ने अदालत को बताया कि इस रिसाव से तांबा खनन क्षेत्र के लगभग 3 लाख परिवार प्रभावित हुए हैं और यह जाम्बिया के इतिहास की सबसे बड़ी पर्यावरणीय आपदा है। किसानों का कहना है कि बांध टूटने के कई दिनों बाद तक उन्हें पानी की अत्यधिक विषाक्त प्रकृति के बारे में अनजान रखा गया था।

अमेरिकी दूतावास ने अगस्त में एक स्वास्थ्य चेतावनी जारी की थी, जिससे क्षेत्र में "पानी और मिट्टी के व्यापक प्रदूषण" को लेकर लोग चिंतित हो गए। 176 किसानों के एक समूह ने जाम्बिया की राजधानी लुसाका में उच्च न्यायालय में अपने समुदाय की ओर से दस्तावेज दायर किए हैं।

यह बांध सिनो मेटल्स लीच जाम्बिया के स्वामित्व में था और एनएफसी अफ्रीका माइनिंग के भू-क्षेत्र में स्थित था। किसानों के अनुसार, बांध के ढहने के कई कारण थे, जिनमें इंजीनियरिंग की खामियां, निर्माण संबंधी खामियां और संचालन संबंधी कुप्रबंधन शामिल हैं।

कंपनियों ने अभी तक मुकदमे पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सिनो मेटल्स लीच जाम्बिया ने पहले कहा था कि लगभग 50,000 घन मीटर रिसाव हुआ था।

कंपनी ने 3 सितंबर को एक बयान में कहा, "पता चलने के कुछ ही घंटों के भीतर टेलिंग्स रिसाव और दरार पर तुरंत नियंत्रण पा लिया गया।"

अदालत के दस्तावेजों में कहा गया है कि पीड़ितों ने पेशाब में खून और सीने में जकड़न सहित कई बीमारियों के लक्षण बताए हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कुएं प्रदूषित थे और फसलों का भी प्रयोग नहीं किया जा सकता था। यही वजह है कि उन्हें जलाना पड़ा।

इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं ने आपदा से प्रभावित लोगों को 'तत्काल और अति आवश्यक' सहायता प्रदान करने और संपूर्ण स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय आकलन के लिए 2 करोड़ डॉलर के आपातकालीन कोष की मांग की।

Point of View

NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

जाम्बिया में किसानों ने क्यों मुकदमा दायर किया?
किसानों ने चीन से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ एक बांध के ढहने से हुए पर्यावरणीय नुकसान के लिए मुकदमा दायर किया है।
इस बांध के ढहने से क्या हुआ?
बांध के ढहने से लाखों लीटर अम्लीय पानी जलमार्गों में फैल गया, जिससे मछलियों की मौत और फसलों का नुकसान हुआ।
किसान किस प्रकार की सहायता की मांग कर रहे हैं?
किसान आपदा से प्रभावित लोगों के लिए तत्काल सहायता और 2 करोड़ डॉलर के आपातकालीन कोष की मांग कर रहे हैं।