क्या अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच गोलीबारी को लेकर मुस्लिम देशों की सलाह महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है।
- मुस्लिम देशों ने संयम बरतने की सलाह दी है।
- संयम और बातचीत से स्थिति में सुधार की संभावना है।
- झड़पों में कई लोगों की जान गई है।
- क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी हिंसक झड़प को लेकर ईरान, कतर और सऊदी अरब समेत कई मुस्लिम देशों ने अपनी चिंता व्यक्त की है। काबुल में पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक के बाद अफगानिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप सीमा पर दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी की घटनाएं शुरू हो गईं।
सऊदी अरब और कतर ने एक बयान जारी करके दोनों देशों से आत्मसंयम बरतने और तनाव को कम करने की अपील की है।
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा, "सऊदी अरब इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त करता है। हम दोनों देशों से संयम रखने, विवाद बढ़ाने से बचने और सुरक्षा व स्थिरता को बनाए रखने के लिए बातचीत और समझदारी का रास्ता अपनाने की अपील करते हैं।"
मंत्रालय ने यह भी कहा कि "राज्य शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे सभी क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है ताकि भाईचारे वाले पाकिस्तानी और अफगानी लोगों के लिए स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।"
वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी इस्लामाबाद और काबुल से संयम बरतने का आग्रह किया। अराघची ने एक टेलीविजन इंटरव्यू में कहा, "हमारा मानना है कि दोनों पक्षों को संयम बनाए रखना चाहिए। दोनों देशों के बीच स्थिरता, क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देती है।"
कतर ने भी दोनों पक्षों से बातचीत, कूटनीति और संयम को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि कतर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सभी क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करता है और दोनों देशों के लोगों की सुरक्षा और समृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।
हाल ही में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हुई झड़पों में कई लोग हताहत हुए हैं। अफगान तालिबान बलों ने पाकिस्तान की कई सीमा चौकियों पर हमला किया था, जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे, जिसमें कई लोग मारे गए थे।