क्या मरोड़ फली पाचन से लेकर मधुमेह तक की एक आयुर्वेदिक कुंजी है?

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क्या मरोड़ फली पाचन से लेकर मधुमेह तक की एक आयुर्वेदिक कुंजी है?

सारांश

मरोड़ फली, जो भारतीय औषधियों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, पाचन से लेकर मधुमेह तक में अद्भुत लाभ प्रदान करती है। जानें इसके उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में।

Key Takeaways

  • मरोड़ फली पाचन और मधुमेह में लाभकारी है।
  • यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है।
  • इसके विभिन्न भागों का औषधीय उपयोग होता है।

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मरोड़ फली, जिसे आमतौर पर इंडियन स्क्रू ट्री के नाम से जाना जाता है, आयुर्वेद में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और औषधीय पौधा माना जाता है। इसके फल की आकृति स्क्रू जैसी मुड़ी हुई होती है, इसलिए इसे मरोड़ फली कहा जाता है। यह पौधा मुख्यतः भारत, श्रीलंका, म्यांमार और दक्षिण एशिया के अन्य क्षेत्रों में पाया जाता है।

आयुर्वेदिक दृष्टि से यह पित्त और कफ दोष को संतुलित करता है और इसमें कषाय (कड़वा-खट्टा) रस, लघु तथा रूक्ष गुण होते हैं, और इसका वीर्य शीत होता है। मरोड़ फली को पाचन, मधुमेह, त्वचा रोग, श्वसन संबंधी विकारों, सर्पदंश और लिवर की बीमारियों में लाभकारी माना गया है।

मरोड़ फली के विभिन्न भाग जैसे फल, छाल, जड़ और पत्तियाँ अनेक औषधीय प्रयोगों में उपयोग की जाती हैं। यह पाचन तंत्र के लिए एक उत्कृष्ट औषधि है। दस्त, अतिसार, गैस, कोलिक दर्द और आंतों के संक्रमण में यह राहत प्रदान करती है। बच्चों में पेट दर्द और कुपोषण जैसी समस्याओं में इसका विशेष प्रयोग होता है।

यह मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करती है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाती है।

इसके अतिरिक्त, इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर को सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं। त्वचा रोग जैसे खाज-खुजली, संक्रमण और घावों के उपचार में भी यह उपयोगी है। आयुर्वेद में इसे कफ-पित्त शामक, रसायन और इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में वर्णित किया गया है।

मरोड़ फली के कई घरेलू और पारंपरिक नुस्खे भी प्रचलित हैं। मरोड़ फली का काढ़ा गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए प्रभावी माना जाता है। इसे पानी में उबालकर शहद के साथ सेवन करना लाभकारी है। सूजन और दर्द के लिए मरोड़ फली की जड़ और हल्दी से बना पेस्ट प्रभावित स्थान पर लगाने से लाभ होता है। कान दर्द के मामले में इसके फल को अरंडी तेल में गर्म करके छान लिया जाता है और दो-तीन बूंदें कान में डालने से राहत मिलती है। त्वचा रोगों के लिए इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाया जाता है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि मरोड़ फली का उपयोग न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में औषधीय ज्ञान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। इसे अपनाकर हम अपने पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा दे सकते हैं।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

मरोड़ फली का क्या उपयोग है?
मरोड़ फली का उपयोग पाचन, मधुमेह, त्वचा रोग, और श्वसन समस्याओं के उपचार में किया जाता है।
क्या मरोड़ फली का सेवन सुरक्षित है?
हाँ, मरोड़ फली का सेवन सामान्यतः सुरक्षित है, लेकिन किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित होता है।
मरोड़ फली कैसे सेवन करें?
इसे काढ़ा बनाकर, पेस्ट बनाकर या सीधे फल के रूप में सेवन किया जा सकता है।