क्या स्वदेशी अभियान का असर गोरखपुर की कुम्हार गली में दीपावली पर दिख रहा है?

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क्या स्वदेशी अभियान का असर गोरखपुर की कुम्हार गली में दीपावली पर दिख रहा है?

सारांश

गोरखपुर की कुम्हार गली में स्वदेशी अभियान ने दीपावली से पहले रौनक लौटा दी है। मिट्टी के दीये और मूर्तियों की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे कुम्हार समुदाय का जीवन बदल रहा है। जानें कैसे सरकार के प्रयासों ने इस समुदाय को नया जीवन दिया है।

Key Takeaways

  • स्वदेशी अभियान ने कुम्हार समुदाय को नया जीवन दिया है।
  • दीपावली पर मिट्टी के दीयों की मांग में वृद्धि।
  • स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने का महत्व।

गोरखपुर, १२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार के स्वदेशी अभियान का प्रभाव अब वास्तविकता में दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' की अपील ने कुम्हार समुदाय के जीवन में नई चमक ला दी है। दीपावली से पहले गोरखपुर की कुम्हार गली में इस समय मिट्टी के दीए, कोसे, लक्ष्मी-गणेश और कुबेर की मूर्तियों की भारी मांग देखी जा रही है।

कभी मंदी का सामना कर रहे इस व्यवसाय ने अब फिर से गति पकड़ ली है।

पहले जब बाजारों में चीनी सामान का राज था, वहीं अब लोग स्वदेशी मिट्टी के दीयों और बर्तनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। स्थानीय बाजारों से विदेशी सजावटी सामान लगभग गायब हो चुके हैं।

कुम्हार समुदाय के कारोबारी प्रजापति ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, ''अब लोग चाइनीज सामान से दूरी बना रहे हैं। मिट्टी के बने दीए और मूर्तियां खूब बिक रही हैं। इससे हमारा कारोबार बढ़ा है और हम आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।''

करीब ३० वर्षों से इस पेशे से जुड़े सोनीनाथ प्रजापति कहते हैं, ''एक समय ऐसा आया कि हमें काम बंद करना पड़ा, लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद हम लोगों में नया उत्साह आया है। सरकार ने कुम्हार समुदाय के लिए सुविधाएं दी हैं। इस दीपावली मिट्टी के दीयों की मांग इतनी है कि हम उसे पूरी नहीं कर पा रहे।''

इसी तरह गुड़िया प्रजापति बताती हैं, ''एक समय ऐसा था कि परिवार में चर्चा होती थी कि काम नहीं है और इस कारोबार को बंद कर कोई दूसरा काम शुरू किया जाए। सरकार की ओर से चाक मिलने के बाद काम आसान हुआ है। पहले सोचा था यह धंधा बंद कर देंगे, पर अब मांग इतनी बढ़ गई है कि दिन-रात चाक घूम रहा है। सरकार की तरफ से मिट्टी के सामान बनाने के लिए चाक दिया गया।''

गोरखपुर की कुम्हार गली अब फिर से रोशनी और उम्मीद से जगमगा उठी है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' की भावना का सबसे सुंदर उदाहरण है।

Point of View

बल्कि सांस्कृतिक संरक्षण का भी प्रतीक है। यह अभियान हमें याद दिलाता है कि स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देना हमारी जिम्मेदारी है।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

स्वदेशी अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
स्वदेशी अभियान का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना और विदेशी सामान पर निर्भरता कम करना है।
गोरखपुर की कुम्हार गली में क्या बदला है?
गोरखपुर की कुम्हार गली में मिट्टी के दीयों और मूर्तियों की मांग बढ़ गई है, जिससे कुम्हार समुदाय का कारोबार फिर से रफ्तार पकड़ रहा है।
क्या प्रधानमंत्री मोदी का अभियान कुम्हारों के लिए फायदेमंद है?
हां, प्रधानमंत्री मोदी का अभियान कुम्हार समुदाय को आर्थिक रूप से मजबूत बना रहा है और उनके काम में उत्साह भर रहा है।