क्या अफ्रीका में हैजा और एमपॉक्स का प्रकोप बढ़ रहा है? इस साल 4,200 से ज्यादा मौतें

सारांश
Key Takeaways
- अफ्रीका में हैजा और एमपॉक्स का प्रकोप गंभीर है।
- 4,275 लोगों की जानें जा चुकी हैं।
- साफ पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है।
- जन स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित की गई है।
- सफाई और स्वच्छता पर ध्यान देना आवश्यक है।
अदीस अबाबा, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अफ्रीका में 2025 में हैजा और एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) जैसी बीमारियों के कारण अब तक 4,200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। यह जानकारी अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (अफ्रीका सीडीसी) ने साझा की है।
एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, अफ्रीका सीडीसी में एमपॉक्स के डिप्टी इन्सिडेंट मैनेजर, याप बूम द्वितीय ने बताया कि हैजा और एमपॉक्स को इस वर्ष की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या माना जा रहा है, जिसके चलते कुल 4,275 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
अफ्रीकी संघ की एक विशेष स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत से अब तक अफ्रीका के 21 देशों में लगभग 1,76,136 लोग हैजा से प्रभावित हुए हैं, और 3,697 लोगों की जानें गई हैं।
अफ्रीका में हैजा के लगातार फैलने का मुख्य कारण साफ पानी की कमी है। इसके अलावा, अफ्रीका की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी अत्यंत खराब हो चुकी है।
अफ्रीका सीडीसी के अनुसार, 2025 की शुरुआत से अब तक, 23 देशों में एमपॉक्स के 79,024 मामले सामने आए हैं और 578 लोगों की जान इस बीमारी से गई है।
पिछले साल अगस्त में, अफ्रीका सीडीसी ने एमपॉक्स को महाद्वीप स्तर की जन स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया था। इसके कुछ समय बाद, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी एमपॉक्स को जन स्वास्थ्य आपातकाल बताया।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हैजा गंदे पानी पीने या संक्रमित भोजन खाने से होता है।
यह बीमारी विभ्रियो कोलेरी नामक बैक्टीरिया से होती है। हैजा को विश्वभर में एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा माना गया है। इससे बचाव के लिए साफ पानी, शौचालय और अच्छी सफाई व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
एमपॉक्स (जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था) में शरीर पर चकत्ते (दाने) निकल आते हैं, बुखार होता है और गांठें बनने लगती हैं। यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैल सकता है।