क्या अल्बानिया ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए दुनिया का पहला एआई-जनरेटेड मंत्री नियुक्त किया?

सारांश
Key Takeaways
- अल्बानिया ने दुनिया का पहला एआई-जनरेटेड मंत्री नियुक्त किया है।
- डिएला का उद्देश्य सार्वजनिक निविदाओं में पारदर्शिता लाना है।
- अल्बानिया में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है।
- डिएला के निर्णय 100% पारदर्शी होंगे।
- 2023 तक अल्बानिया का यूरोपीय संघ में शामिल होने का लक्ष्य है।
तिराने, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अल्बानिया ने अपने देश को "भ्रष्टाचार मुक्त" बनाने के लक्ष्य के साथ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस देश ने दुनिया का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा निर्मित "मंत्री" नियुक्त किया है। अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा ने अपने मंत्रिमंडल में इस डिजिटल मंत्री की नियुक्ति की घोषणा की।
इस डिजिटल सहायक का नाम 'डिएला' है, जिसका अर्थ 'सूरज' है। यह जनवरी से ही नागरिकों से ऑनलाइन सरकारी सेवाओं का उपयोग करने के बारे में जानकारी पूछ रही है। यूरो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एडी रामा ने कहा, "डिएला पहली [सरकारी] सदस्य हैं जो शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हैं, बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा आभासी रूप से इन्हें रचा गया है।"
उन्होंने बताया कि डिएला को सार्वजनिक निविदाओं से संबंधित सभी निर्णय लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि इन प्रक्रियाओं को "100 प्रतिशत भ्रष्टाचार मुक्त" बनाया जा सके। रामा ने यह भी कहा कि "निविदा प्रक्रिया में जमा किया गया प्रत्येक सार्वजनिक धन पूरी तरह से पारदर्शी होगा।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक निविदाओं के विजेताओं का निर्णय "चरणबद्ध" प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी मंत्रालयों से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एआई यह सुनिश्चित करेगा कि "निविदा प्रक्रिया में सभी सार्वजनिक खर्च 100 प्रतिशत पारदर्शी हों।" डिएला को पारंपरिक अल्बानियाई पोशाक पहने एक महिला के रूप में दर्शाया गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह अपनी वर्तमान रूप में बनी रहेगी या नहीं।
अल्बानिया में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है, और देश का लक्ष्य 2023 तक यूरोपीय संघ का हिस्सा बनना है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के भ्रष्टाचार सूचकांक में अल्बानिया को 180 देशों में 80वें स्थान पर रखा गया था। यह सूचकांक सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के अनुमानित स्तर के आधार पर देशों को रैंक करता है।
यह एआई के बढ़ते प्रभाव का एक स्पष्ट उदाहरण है। इस वर्ष की शुरुआत में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की थी। इस सप्ताह भर चले शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया था।