क्या अमेरिका सार्वजनिक दबाव की रणनीति से भारत को खोने का जोखिम उठा रहा है?

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क्या अमेरिका सार्वजनिक दबाव की रणनीति से भारत को खोने का जोखिम उठा रहा है?

सारांश

अमेरिकी विशेषज्ञ बोनी ग्लेजर ने चेतावनी दी है कि ट्रंप प्रशासन की भारत के प्रति दबाव डालने की रणनीति से संभावित नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। क्या भारत और अमेरिका के संबंधों में और खटास आ रही है? जानिए इस विषय पर विशेषज्ञ की राय और भविष्य के संभावित हालात।

Key Takeaways

  • भारत और अमेरिका के संबंध में तनाव बढ़ रहा है।
  • ट्रंप प्रशासन की रणनीति से संभावित नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
  • ग्लेजर का मानना है कि भारत अन्य सहयोगियों के साथ संबंध मजबूत करेगा।

वाशिंगटन, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जर्मन मार्शल फंड के थिंक-टैंक की इंडो-पैसिफिक प्रोग्राम की मैनेजिंग डायरेक्टर बोनी ग्लेजर ने चेतावनी दी है कि अमेरिका की वर्तमान रणनीति, जिसके तहत वह भारत को उसकी विदेश नीति के निर्णयों पर खुले तौर पर निर्देश दे रहा है, इससे मनचाहे परिणाम प्राप्त करने की संभावना नहीं है।

शुक्रवार को राष्ट्र प्रेस को दिए एक विशेष इंटरव्यू में ग्लेजर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन यह मानता नजर आता है कि भारत को अमेरिका की अधिक आवश्यकता है, जबकि अमेरिका को भारत की उतनी आवश्यकता नहीं है।

ग्लेजर ने कहा, "ट्रंप प्रशासन यह सोचता प्रतीत होता है कि भारत, अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को प्राथमिकता देगा, क्योंकि भारत को अमेरिका की ज्यादा जरूरत है, जबकि अमेरिका को भारत की उतनी जरूरत नहीं।"

ग्लेजर ने अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के बयानों पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने भारत से ब्रिक्स का हिस्सा न बनने की मांग सहित कुछ पूर्व शर्तें रखी थीं।

ग्लेजर ने कहा कि "ट्रंप प्रशासन के कुछ अधिकारी रणनीतिक रूप से सोचते हैं। मुझे लगता है कि लुटनिक उनमें से एक हैं। पिछले दो दशकों में भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले कई वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी कुछ ही महीनों में द्विपक्षीय संबंधों में आई गिरावट से हैरान और दुखी हैं।"

शुक्रवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक तस्वीर पोस्ट की और कहा कि ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया।

ट्रंप ने 'ट्रुथ' सोशल पर लिखा, "लगता है हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। ईश्वर करे कि उनका भविष्य समृद्ध हो!"

ग्लेजर के अनुसार, ट्रंप सोशल मीडिया का इस्तेमाल विदेशी नेताओं और अन्य व्यक्तियों के व्यवहार को प्रभावित करने के लिए करते हैं, लेकिन इस मामले में यह रणनीति शायद असरदार नहीं होगी।

उन्होंने कहा, "अपनी हालिया पोस्ट में ट्रंप को लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ कितने करीबी संबंध हैं। ट्रंप को यह भी लगता है कि इस बात को हाइलाइट करके वह इन नेताओं को असहज महसूस कराएंगे और वे अपनी नीतियों में बदलाव करेंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह बहुत प्रभावी होगा।"

ग्लेजर ने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ संबंध खराब होने के कारण, भारत "शायद यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के अन्य सहयोगी देशों के साथ कुछ क्षेत्रों में अपने संबंध मजबूत करना जारी रखेगा।"

अमेरिका के बारे में उनका मानना था कि अगर वाशिंगटन अकेले चीन का सामना करने की कोशिश करेगा तो वह असफल रहेगा।

उन्होंने कहा, "ट्रंप कोई रणनीतिकार नहीं हैं। उनका ध्यान अमेरिका को फिर से महान बनाने पर केंद्रित है। उनके नजरिए में इसके लिए चीन और अन्य मुद्दों पर साझेदारों व सहयोगियों के साथ तालमेल और सहयोग मजबूत करना जरूरी नहीं है। मेरे विचार से, अगर अमेरिका अकेले चीन से आने वाली चुनौतियों का सामना करने की कोशिश करेगा, तो वह असफल रहेगा।"

भविष्य के हालात को देखते हुए, ग्लेजर ने आगाह किया है कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली एक फोन पर बातचीत जोखिम भरी हो सकती है। दोनों पक्षों को इसके बजाय 'कूलिंग-ऑफ पीरियड' तलाशना चाहिए।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि अमेरिका और भारत के बीच संबंधों की जटिलता और रणनीतिक हितों का ध्यान रखना आवश्यक है। दोनों देशों के बीच सामंजस्य बनाए रखना हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिका की वर्तमान रणनीति में क्या कमी है?
अमेरिका की वर्तमान रणनीति में खुला दबाव डालना और भारत की विदेश नीति के फैसलों में हस्तक्षेप करना शामिल है, जो नकारात्मक परिणाम ला सकता है।
ग्लेजर का भारत के साथ संबंधों पर क्या कहना है?
ग्लेजर ने कहा है कि भारत अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को प्राथमिकता देगा, लेकिन अमेरिका को भारत की उतनी आवश्यकता नहीं है।
ट्रंप का सोशल मीडिया पर क्या प्रभाव है?
ट्रंप का सोशल मीडिया पर प्रभाव विदेशी नेताओं के व्यवहार को प्रभावित करने का प्रयास है, लेकिन यह रणनीति हमेशा सफल नहीं होती।