क्या अमेरिकी फेड ब्याज दरों में कटौती से पहले कमजोरी के स्पष्ट संकेतों का इंतजार करेगा? : विशेषज्ञ

Click to start listening
क्या अमेरिकी फेड ब्याज दरों में कटौती से पहले कमजोरी के स्पष्ट संकेतों का इंतजार करेगा? : विशेषज्ञ

सारांश

अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर संकेतों का इंतजार कर फेड सही निर्णय लेगा। क्या ये निर्णय अमेरिका की आर्थिक स्थिरता को बनाए रख पाएंगे? जानें इस लेख में!

Key Takeaways

  • फेड ब्याज दरों को स्थिर रखेगा।
  • अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेतों का इंतजार।
  • टैरिफ का प्रभाव महत्वपूर्ण होगा।
  • ग्लोबल लिक्विडिटी पर ध्यान।
  • मौद्रिक नीति में समायोजन की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। अर्थशास्त्रियों और उद्योग विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) का फेडरल फंड्स रेट को 4.25-4.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय सराहनीय है, क्योंकि भू-राजनीतिक अस्थिरता, व्यापार अनिश्चितताएँ और अमेरिकी प्रशासन द्वारा 90 दिनों के टैरिफ विराम का निर्णय जारी है।

अमेरिका में आर्थिक गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है और बेरोजगारी दर निम्न स्तर पर है।

पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा, "इकोनॉमिक आउटलुक को लेकर अनिश्चितता कम हुई है, लेकिन यह अभी भी उच्च बनी हुई है। इकोनॉमिक आउटलुक को लेकर अनिश्चितता बढ़ने के मद्देनजर ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व का मौजूदा रुख सराहनीय है; यह अधिकतम रोजगार का पुरजोर समर्थन करता है और मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत के लक्ष्य पर वापस लाने का टारगेट रखता है।"

मई की तुलना में, यूएस फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल टैरिफ-आधारित मुद्रास्फीति के बारे में थोड़ा अधिक चिंतित दिखे, उन्होंने टिप्पणी की कि आखिरकार, टैरिफ की लागत का भुगतान करना होगा और इसका कुछ प्रभाव अंतिम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था के कमजोर होने के कोई संकेत नहीं दिखते हैं और फेड टैरिफ के अंतिम प्रभाव को देखने के लिए प्रतीक्षा करने की अच्छी स्थिति में है।

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, "फेड द्वारा कार्य करने से पहले लेबर मार्केट में कमजोरी के सार्थक संकेतों की प्रतीक्षा करने की संभावना है (साथ ही टैरिफ के कारण अस्थायी वन-टाइम मूल्य वृद्धि पर भी नजर रखी जाएगी), जिसका मतलब है कि अगली कटौती सितंबर में ही हो सकती है। मार्केट प्राइसिंग भी इसे दर्शाता है, जिसमें कटौती के लिए 63 प्रतिशत का मूल्य निर्धारण है, जबकि जुलाई में केवल 10 प्रतिशत का मूल्य निर्धारण है।"

फेड ने 2025 के लिए अपने जीडीपी पूर्वानुमान को घटाकर 1.4 प्रतिशत (30 बीपीएस नीचे) कर दिया और अपने कोर सीपीआई अनुमान को बढ़ाकर 3.1 प्रतिशत (30 बीपीएस ऊपर) कर दिया, जो बढ़ते मूल्य दबाव और धीमी वृद्धि के साथ चुनौतीपूर्ण मैक्रो एनवायरमेंट को दर्शाता है।

एंजेल वन के वकारजावेद खान के अनुसार, "अमेरिकी इक्विटी सूचकांक ज्यादातर सपाट रहे, लेकिन शॉर्ट-टर्म ट्रेजरी यील्ड में उतार-चढ़ाव दिखा। 2025 में संभावित 50 बीपीएस दर में कटौती ग्लोबल लिक्विडिटी को सपोर्ट कर सकती है और भारतीय बाजारों को लाभ पहुंचा सकती है, हालांकि मध्य पूर्व तनाव और व्यापार शुल्क से जोखिम ऊपर की ओर सीमित हो सकते हैं।"

आगे देखते हुए, विशेषज्ञों का अनुमान है कि फेड इकोनॉमिक आउटलुक पर नई जानकारी के प्रभाव का आकलन करना जारी रखेगा और जोखिम उत्पन्न होने पर आवश्यकतानुसार मौद्रिक नीति को समायोजित करने के लिए तैयार रहेगा।

Point of View

एक राष्ट्रीय संपादक के दृष्टिकोण से, यह आवश्यक है कि हम अमेरिका की आर्थिक नीतियों की बारीकी से निगरानी करें। यह न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए, बल्कि वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिकी फेड का मौद्रिक नीति क्या है?
अमेरिकी फेड का मौद्रिक नीति ब्याज दरों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना है।
फेड ब्याज दरों को क्यों बनाए रखता है?
फेड ब्याज दरों को स्थिर रखने का निर्णय आर्थिक स्थिरता और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए करता है।