क्या ऑस्ट्रेलिया में टर्मिनल ब्रेस्ट कैंसर से 20 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं?
सारांश
Key Takeaways
- 20,000 से अधिक लोग ऑस्ट्रेलिया में टर्मिनल ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित हैं।
- यह संख्या पिछले अनुमानों से दोगुनी है।
- महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी इस कैंसर से प्रभावित हो सकते हैं।
- मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर का कोई इलाज नहीं है।
- इस रिपोर्ट से बेहतर स्वास्थ्य नीतियों के विकास में मदद मिलेगी।
कैनबरा, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया में टर्मिनल ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित एक सरकारी रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। हाल ही में जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, 20,000 से अधिक लोग इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, वर्तमान में टर्मिनल ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या पिछले अनुमान से दोगुनी है। ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर (एआईएचडब्ल्यू) की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024 में 20,800 ऑस्ट्रेलियाई महिलाएं और 150 पुरुष मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहे थे।
मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर पुरुषों में भी हो सकता है, क्योंकि उनके शरीर में भी स्तन ऊतक मौजूद होते हैं। हालांकि, यह पुरुषों में बहुत दुर्लभ है।
इसे एडवांस्ड या स्टेज फोर ब्रेस्ट कैंसर भी कहा जाता है, जो ब्रेस्ट से दूसरे अंगों में फैल जाता है। इस कैंसर का कोई इलाज नहीं है और इसे टर्मिनल माना जाता है।
एआईएचडब्ल्यू ने ऑस्ट्रेलिया में मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर का पहला आधिकारिक राष्ट्रीय अनुमान जारी किया है। ब्रेस्ट कैंसर नेटवर्क ऑफ ऑस्ट्रेलिया, जो मरीजों की सहायता करने पर ध्यान केंद्रित करता है, ने 2020 में अनुमान लगाया था कि 10,553 लोग इस प्रकार के कैंसर से प्रभावित थे, जो 2025 तक बढ़कर लगभग 12,840 हो जाएगा।
जस्टिन हार्वे, एआईएचडब्ल्यू के प्रवक्ता ने कहा कि इस रिपोर्ट में जारी नए राष्ट्रीय अनुमान से बेहतर क्लिनिकल केयर, सर्विस प्लानिंग, रिसर्च और पॉलिसी के विकास में मदद मिलेगी।
हर साल 3,300 से अधिक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ब्रेस्ट कैंसर के कारण अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें से लगभग सभी मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर के कारण होते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य दुनिया के सबसे जानलेवा कैंसरों में से एक पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज में तेजी लाना है।
वाल्टर एंड एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूवीएचआई) द्वारा विकसित पीयूआरपीएलई (पैंक्रियाटिक कैंसर: रुटीन प्रैक्टिस और लिफ्टिंग एंड रिजल्ट्स को समझना) प्लेटफॉर्म एक केंद्रीकृत ऑनलाइन हब है। यह नए उपचार तरीकों के विकास और क्लिनिकल ट्रायल तक मरीजों की पहुंच को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
पैंक्रियाटिक कैंसर, 2030 तक ऑस्ट्रेलिया का दूसरा सबसे जानलेवा कैंसर बनने की उम्मीद है। इसका पता अक्सर देर से चलता है जब यह आसपास के अंगों में फैल चुका होता है।
ऑनलाइन हब पीयूआरपीएलई रजिस्ट्री से डेटा का इंटीग्रेशन करता है, जो 57 ग्लोबल कैंसर सेंटर्स में 6,000 से अधिक मरीजों को ट्रैक करता है। इससे बीमारी की पहचान और इलाज को बेहतर बनाने के लिए बिना पहचान वाले क्लिनिकल डेटा का विश्लेषण किया जा सकता है।