क्या बांग्लादेश अवामी लीग ने 2004 के ग्रेनेड हमले को 'भयावह और शर्मनाक' बताया?

सारांश
Key Takeaways
- 2004 में ढाका में ग्रेनेड हमला हुआ था।
- इस हमले में 24 नेता और कार्यकर्ता मारे गए थे।
- अवामी लीग ने इसे 'भयावह और शर्मनाक' बताया है।
- हमले का उद्देश्य शेख हसीना की हत्या करना था।
- न्याय में देरी और दोषियों की बरी होना चिंताजनक है।
ढाका, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की अवामी लीग ने गुरुवार को ढाका के बंगबंधु एवेन्यू में एक आतंकवाद विरोधी शांति रैली आयोजित की। इस अवसर पर 2004 में हुए ग्रेनेड हमले को स्मरण करते हुए पार्टी ने कहा कि यह दिन देश के राजनीतिक इतिहास में एक भयावह और शर्मनाक घटना थी।
पार्टी के अनुसार, उस समय उनकी रैली पर कई सैन्य स्तर के ग्रेनेड फेंके गए, जिसमें अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के 24 नेता और कार्यकर्ता मारे गए, और 500 से अधिक लोग स्थायी रूप से अपंग हो गए।
अवामी लीग ने यह भी बताया कि 21 अगस्त 2004 को यह बर्बर हमला तत्कालीन बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी-जमात-ए-इस्लामी गठबंधन सरकार के प्रत्यक्ष संरक्षण में किया गया था।
पार्टी ने आरोप लगाया कि इस हमले का उद्देश्य अवामी लीग की अध्यक्ष और तत्कालीन विपक्ष की नेता शेख हसीना की हत्या करना था, और बांग्लादेश की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और 1971 के मुक्ति संग्राम की भावना को नष्ट करना था।
अवामी लीग ने कहा कि हमले में प्रयुक्त ग्रेनेड और अन्य साक्ष्यों से यह स्पष्ट होता है कि इसमें पाकिस्तान और उसके स्थानीय एजेंटों का भी संलिप्तता है।
पार्टी ने अपने बयान में कहा कि, “1971 में हारने वाले तत्वों, देशी और विदेशी, ने मिलकर अवामी लीग के नेतृत्व वाली मुक्ति समर्थक शक्तियों को नष्ट करने, बांग्लादेश को पाकिस्तान के विचारधारा के अनुरूप एक आतंकवादी और असफल देश बनाने, और लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को कुचलने की कोशिश की। लेकिन ईश्वर की कृपा से, शेख हसीना उस दिन बाल-बाल बच गईं, जिससे हमारी उम्मीद की लौ जिंदा रही।”
पार्टी ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि “अवैध कब्जा करने वाला, हत्यारा-फासीवादी यूनुस गुट अब बांग्लादेश को उसी पाकिस्तानी वैचारिक दिशा में ले जा रहा है।”
अवामी लीग ने बताया कि 2004 के 21 अगस्त ग्रेनेड हमले के मामले में 14 साल बाद 2018 में बांग्लादेश की अदालत ने फैसला सुनाया, जिसमें 19 लोगों को फांसी और 19 अन्य को उम्रकैद की सजा दी गई।
हालांकि, पार्टी का दावा है कि यूनुस के “गैर-संवैधानिक” तरीके से सत्ता में आने के बाद, हाईकोर्ट ने एक हास्यास्पद फैसला सुनाया, जिसमें सभी दोषियों को बरी कर दिया गया। पार्टी ने इसे देश के इतिहास की एक और शर्मनाक घटना बताया।
अवामी लीग ने लोकतंत्र, न्याय और मानवाधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जो हमले में जान गंवा चुके हैं और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही, बांग्लादेश के लोगों से बीएनपी, जमात और यूनुस जैसे “चरमपंथी सांप्रदायिक उग्रवादियों” के खिलाफ एकजुट होकर लोकतंत्र बहाल करने की अपील की।