क्या अजरबैजान में राष्ट्रपति को हटाने की साजिश के आरोप में विपक्षी नेता को जेल भेजा गया?
सारांश
Key Takeaways
- अजरबैजान में एक विपक्षी नेता को राष्ट्रपति को हटाने की साजिश के आरोप में जेल भेजा गया है।
- उन्हें 13 फरवरी 2026 तक न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा।
- यह गिरफ्तारी राजनीतिक दमन के आरोपों के साथ जुड़ी है।
- करिमली ने अतीत में कई बार विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया है।
- अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे विपक्ष पर हमले का हिस्सा माना है।
बाकू, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अजरबैजान की न्यायालय ने एक प्रमुख विपक्षी नेता को राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव को हटाने की साजिश के आरोप में जेल में भेजने का आदेश दिया है। उन्हें 13 फरवरी 2026 तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया गया है।
2000 से पॉपुलर फ्रंट पार्टी ऑफ अजरबैजान (पीएफपीए) का नेतृत्व कर रहे 59 वर्षीय अली करिमली ने इन आरोपों को झूठा बताया है। उनके वकीलों ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा, "यह निर्णय राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित है।"
अजरबैजान की स्टेट सिक्योरिटी सर्विस (एसएसएस) ने शनिवार को करिमली के निवास पर छापा मारा और उन्हें तथा पीएफपीए के दो अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया। उनमें से एक, मम्माद इब्राहिम, को भी 13 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
करिमली के घर पर 29 नवंबर को छापा मारा गया था, और उनकी गिरफ्तारी रामिज मेहदियेव के खिलाफ चल रही जांच से संबंधित है, जो 1994 से 2019 तक राष्ट्रपति प्रशासन के प्रमुख रहे थे।
मेहदियेव पर अक्टूबर में राज्य सत्ता का हनन, उच्च राजद्रोह और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए थे, और वह वर्तमान में हाउस अरेस्ट में हैं। सरकार का दावा है कि करिमली और उनके सहयोगी इस 'कू-एटेम्प्ट' (तख्तापलट की कोशिश) में शामिल थे।
करिमली ने अतीत में कई विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया है, जिसके कारण उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया है। वे अलीयेव परिवार के 20 से अधिक वर्षों के शासन के कटु आलोचक रहे हैं। 2019 में उन्होंने असेंबली की स्वतंत्रता की मांग को लेकर एक रैली का नेतृत्व किया था। पीएफपीए के उपाध्यक्ष सेयमुर हाजी ने रॉयटर्स को बताया कि यह कार्रवाई राजनीतिक दमन का हिस्सा है।
अदालत ने इस दौरान कहा कि हिरासत 'जांच सुनिश्चित करने' के लिए आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे 'विपक्ष पर हमले' का हिस्सा माना है। वहीं, अली की पार्टी ने अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण विरोध की अपील की है।