क्या 2025 में बलूचिस्तान में 248 आम नागरिक और 205 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए?

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क्या 2025 में बलूचिस्तान में 248 आम नागरिक और 205 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए?

सारांश

2025 में बलूचिस्तान में बढ़ते हिंसा के मामलों ने स्थानीय लोगों में भय का माहौल बना दिया है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कई हमलों में नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जानें गई हैं। यह रिपोर्ट सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएँ व्यक्त करती है। जानिए इस स्थिति की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • बलूचिस्तान में हालात बहुत चिंताजनक हैं।
  • 2025 में 248 आम नागरिक और 205 सुरक्षाकर्मी मारे गए।
  • स्थानीय लोग पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगा रहे हैं।
  • आत्मघाती हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है।
  • अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी चिंता जताई है।

क्वेटा, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के पड़ोसी देशों में आम जनता की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। बांग्लादेश में चल रही हिंसा पर विश्वभर के कई देशों ने चिंता व्यक्त की है। इसी बीच, पाकिस्तान के बलूचिस्तान में भी हिंसा की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिसके लिए स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार ठहराया है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में बलूचिस्तान में कई हमले, बम धमाके और हथियारबंद घटनाएँ हुईं। इन घटनाओं में कम से कम 248 आम नागरिक और 205 सुरक्षाकर्मी मारे गए।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस साल बलूचिस्तान में कुल 432 हथियारबंद घटनाएँ दर्ज की गईं, जिससे सैकड़ों नागरिकों और सुरक्षा बलों के सदस्यों की जान चली गई। इसके साथ ही, क्षेत्र में डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।

द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार, हिंसा के चलते 284 आम नागरिक और 205 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई। हालांकि, पहले के सरकारी आंकड़ों में आम लोगों की मौत का आंकड़ा 248 बताया गया था।

इन हालातों का प्रतिकूल प्रभाव बलूच लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ा है। रिपोर्ट ने बलूचिस्तान की सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएँ व्यक्त की हैं। 2025 में बलूचिस्तान में कई बड़े हमले हुए, जिनमें क्वेटा, मस्तुंग, खुजदार, तुर्बत और नोकुंडी में छह आत्मघाती बम विस्फोट शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 मार्च को एक सैन्य समूह ने बोलान क्षेत्र में जाफर एक्सप्रेस पर हमला किया और उसे हाईजैक कर लिया। इसके अलावा, 18 फरवरी को बरखान में सात लोग मारे गए। जुलाई में झोब और कलात के पास पैसेंजर कोच पर कई गोलीबारी की घटनाएँ हुईं।

इसके अतिरिक्त, 15 मई को खुज़दार में एक बस हमले में छह लोग मारे गए और 43 लोग घायल हुए। 30 सितंबर को क्वेटा में पाकिस्तान के फ्रंटियर कॉर्प्स हेडक्वार्टर पर एक आत्मघाती बम विस्फोट में 12 लोग मारे गए।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अधिकारियों ने 2025 को बलूचिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए एक निराशाजनक साल बताया है, जहाँ लोग लगातार असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।

इन हालातों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी चिंता जताई है। आम लोगों ने सुरक्षा में नाकामियों पर चिंता व्यक्त की है और पाकिस्तानी सरकार से लोगों की सुरक्षा बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।

हालांकि, रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों पर स्थानीय समुदाय और सिविल सोसाइटी को संदेह है। उनका मानना है कि असली आंकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं। आलोचकों का कहना है कि कई घटनाओं की रिपोर्ट ही नहीं की जाती है और सैन्य अधिकारी सुरक्षाकर्मियों के हताहतों की संख्या को कम दिखाते हैं।

हाल के दिनों में बलूचिस्तान से पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों, लोगों को जबरन गायब करने, न्यायेतर हत्याएँ और गैर-कानूनी हिरासत में रखने के मामलों की खबरें सामने आई हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा ने न केवल स्थानीय लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है, बल्कि यह हमारे देश की सुरक्षा स्थिति पर भी गंभीर प्रश्न उठाती है। हमें इस मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय करने चाहिए।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

बलूचिस्तान में हिंसा के कारण क्या हैं?
हिंसा के पीछे मुख्यतः राजनीतिक अस्थिरता और सेना की कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
सरकार ने सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है।
क्या अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है?
हां, कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने बलूचिस्तान में हिंसा को लेकर चिंता जताई है।
क्या स्थानीय समुदाय ने सरकारी आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं?
जी हां, स्थानीय समुदाय का मानना है कि वास्तविक आंकड़े अधिक हो सकते हैं।
क्या बलूचिस्तान की स्थिति में सुधार की कोई संभावना है?
इसका कोई स्पष्ट संकेत नहीं है, लेकिन लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुधार की आवश्यकता है।
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