क्या बांग्लादेश चुनाव आयोग ने शापला चुनाव चिह्न की एनसीपी की मांग खारिज कर दी?

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क्या बांग्लादेश चुनाव आयोग ने शापला चुनाव चिह्न की एनसीपी की मांग खारिज कर दी?

सारांश

बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने एनसीपी को शापला चुनाव चिह्न देने से इनकार कर दिया है। इस निर्णय के पीछे का कारण चुनाव नियमों के तहत चिह्नों की सूची में इस चिह्न का नाम न होना है। एनसीपी ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरेंगे।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश चुनाव आयोग ने एनसीपी को शापला चिह्न नहीं दिया।
  • चुनाव नियमों के अनुसार, इस चिह्न का नाम आधिकारिक सूची में नहीं है।
  • एनसीपी ने चेतावनी दी है कि यदि मांग पूरी नहीं हुई, तो वे सड़कों पर उतरेंगे।
  • चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

ढाका, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के चुनाव आयोग (ईसी) ने सोमवार को नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) को शापला (वाटर लिली) चिह्न देने से इनकार कर दिया। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव नियमों के तहत चिह्नों की आधिकारिक सूची में इसका नाम न होने का हवाला देते हुए यह निर्णय लिया गया है।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब एनसीपी लगातार शापला को अपना चुनाव चिह्न बनाने की मांग कर रही है। पार्टी ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि यदि चुनाव आयोग इस मांग को पूरा नहीं करता है, तो वह इसका पंजीकरण रद्द करने की कार्रवाई करेगी।

द बिजनेस स्टैंडर्ड ने ढाका में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चुनाव आयोग के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद के हवाले से बताया कि एनसीपी को शापला चुनाव चिह्न नहीं दिया जा सकता, क्योंकि यह नियमों में सूचीबद्ध नहीं है। चुनाव आयोग जल्द ही एक सार्वजनिक अधिसूचना जारी करेगा और अपने विवेक से कोई अन्य चिह्न आवंटित करेगा। इस मामले में चुनाव आयोग का रुख अपरिवर्तित रहेगा।

इस बीच, एनसीपी (उत्तर) के मुख्य संयोजक सरजिस आलम ने चेतावनी दी कि यदि शापला चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किया गया तो पार्टी सड़कों पर उतर आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पार्टी को चुनाव चिह्न देने से इनकार किया गया तो वह इस 'मनमाने' चुनाव आयोग के पुनर्गठन के लिए अभियान चलाएगी।

पिछले हफ्ते शापला चिह्न की मांग दोहराते हुए दक्षिणी क्षेत्र के लिए एनसीपी के मुख्य संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग की आलोचना की और कहा कि इसका रवैया मध्यकालीन राजाओं और सम्राटों जैसा है। उन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की चुनाव आयोग की क्षमता पर भी संदेह व्यक्त किया।

एनसीपी नेता ने कहा कि इस चुनाव आयोग में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने की क्षमता का अभाव है। इसे एक 'रीढ़विहीन आयोग' माना जा रहा है, जो विभिन्न तबकों से प्रभावित है। जिन लोगों ने उन्हें नियुक्त किया है, वे अपने स्वार्थ के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इस महीने की शुरुआत में, एनसीपी ने चेतावनी दी थी कि यदि उसे शापला का चुनाव चिह्न नहीं दिया गया, तो अगले वर्ष होने वाले चुनावों पर इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

Point of View

और यह देखना होगा कि आयोग इस मुद्दे का समाधान कैसे करता है।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश चुनाव आयोग ने शापला चिह्न क्यों खारिज किया?
चुनाव आयोग ने कहा कि शापला चिह्न चुनाव नियमों के तहत चिह्नों की आधिकारिक सूची में नहीं है।
एनसीपी ने चुनाव आयोग से क्या मांग की थी?
एनसीपी ने शापला (वाटर लिली) चिह्न को अपना चुनाव चिह्न बनाने की मांग की थी।
एनसीपी ने चुनाव आयोग के निर्णय पर क्या प्रतिक्रिया दी?
एनसीपी ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वे सड़कों पर उतरेंगे।