क्या बांग्लादेश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को पुलिस रिमांड पर भेजा गया?

सारांश
Key Takeaways
- काजी हबीबुल अवाल को तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया।
- बीएनपी ने चुनावी अनियमितताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
- हुदा को भीड़ की हिंसा का सामना करना पड़ा।
ढाका, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवाल को 2024 में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों में कथित निष्क्रियता और पक्षपातपूर्ण आचरण के मामले में गुरुवार को ढाका की एक अदालत द्वारा तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया।
यह आदेश ढाका के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मोहम्मद मुस्तफा जमान ने तब जारी किया, जब शेर-ए-बांग्लानगर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को अदालत में पेश कर 10 दिन की रिमांड की मांग की।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा पिछले तीन राष्ट्रीय चुनावों में कथित अनियमितताओं और पक्षपातपूर्ण आचरण के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) की जासूसी शाखा ने अवाल को हिरासत में लिया।
डीएमपी के उपायुक्त और प्रवक्ता तालेबुर रहमान ने पुष्टि की कि बीएनपी की शिकायत के बाद अवाल को ढाका के मोघबाजार से गिरफ्तार किया गया।
बीएनपी ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों, चुनाव आयुक्तों और अन्य अधिकारियों सहित 24 लोगों पर 2014, 2018 और 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में अनियमितताओं और पक्षपातपूर्ण आचरण का आरोप लगाया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में, ढाका की एक अदालत ने राष्ट्रीय चुनाव में कथित हेराफेरी के आरोप में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त केएम नूरुल हुदा को चार दिन की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया था।
रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि हुदा को रविवार को भीड़ की हिंसा का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें और कई अन्य लोगों को बीएनपी द्वारा दर्ज किए गए मामले के बाद हिरासत में लिया।
स्थानीय मीडिया ने बताया कि कुछ लोगों ने ढाका में हुदा के घर में जबरन घुसकर उन्हें बाहर खींच लिया और उनके गले में जूतों की माला डालकर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया।
बांग्लादेश में दो मानवाधिकार संगठनों ने हुदा के खिलाफ अपमानजनक और हिंसक व्यवहार की कड़ी निंदा की है।
इसके अतिरिक्त, 30 प्रतिष्ठित नागरिकों ने एक संयुक्त बयान जारी कर हुदा के खिलाफ हाल की भीड़ हिंसा की निंदा की और मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया।