क्या बांग्लादेश में गुरुनानक देव जी का 356वां प्रकाश पर्व समारोह सिख श्रद्धालुओं के लिए विशेष है?

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क्या बांग्लादेश में गुरुनानक देव जी का 356वां प्रकाश पर्व समारोह सिख श्रद्धालुओं के लिए विशेष है?

सारांश

बांग्लादेश में गुरुनानक देव जी के 356वें प्रकाश पर्व के समारोह में भाग लेने के लिए 70 सिख तीर्थयात्री रवाना हुए हैं। यह यात्रा सिख इतिहास के महत्वपूर्ण आयोजनों को मानने का एक अवसर है, जिसमें श्रद्धालु विभिन्न गुरुद्वारों में मत्था टेकेंगे।

Key Takeaways

  • गुरुनानक देव जी का 356वां प्रकाश पर्व बांग्लादेश में मनाया जा रहा है।
  • 70 सिख तीर्थयात्री इस महत्वपूर्ण अवसर पर भाग ले रहे हैं।
  • सिख श्रद्धालु विभिन्न गुरुद्वारों में मत्था टेकेंगे।
  • यात्रा का आयोजन कार सेवा संप्रदाय द्वारा किया गया है।
  • यात्रा में धार्मिक प्रोग्राम और सामुदायिक गतिविधियों में हिस्सा लिया जाएगा।

ढाका, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमृतसर से 70 सिखों का जत्था बांग्लादेश की ओर रवाना हुआ है। ये श्रद्धालु सिख इतिहास के दो महत्वपूर्ण आयोजनों का हिस्सा बनने जा रहे हैं। वे गुरुनानक देव के 356वें प्रकाश पर्व और गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस समारोह में भाग लेंगे।

खालसा वॉक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरहाली के कार सेवा संप्रदाय ने इस जत्थे की यात्रा की योजना बनाई। सभी श्रद्धालु अमृतसर रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए थे। रवाना होने से पहले, बाबा सुखा सिंह ने जत्थे को एक सिरोपा (सम्मान सूचक पारंपरिक चोगा) भेंट किया। संप्रदाय लगभग दो दशकों से इस तीर्थयात्रा का आयोजन कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "यात्रा की योजना के बारे में बाबा सुखा सिंह और बाबा हाकम सिंह ने बताया कि जत्था बांग्लादेश के कई प्रसिद्ध गुरुद्वारों में मत्था टेकेगा। उनके स्टॉप में ढाका में गुरुद्वारा नानकशाही और गुरुद्वारा संगत टोला, चटगांव का गुरुद्वारा सिख मंदिर (जिसे गुरुद्वारा चौक बाजार भी कहते हैं) और गुरुद्वारा साहिब, तथा मैमनसिंह में गुरुद्वारा गुरु नानक मंदिर शामिल हैं। डेलीगेशन आने वाले दिनों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेगा, प्रार्थना करेगा और सामुदायिक गतिविधियों में संलग्न रहेगा।"

खालसा वॉक्स ने पिछले सप्ताह अपनी एक रिपोर्ट में भारतीय यात्रियों की पाकिस्तान तीर्थ यात्रा का भी उल्लेख किया था। बताया गया कि जत्थे में 8 श्रद्धालु दिल्ली और लखनऊ से थे। इनकी कुल संख्या 14 थी। वे सभी ननकाना साहिब में गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव मनाने गए थे। लेकिन इन सभी का पाकिस्तान में अनादर हुआ; उन्हें बेइज्जत करके वापस लौटा दिया गया।

हिंदू तीर्थयात्रियों ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें ननकाना साहिब की बस में बैठने से रोक दिया और उन्हें बैरंग लौटा दिया। स्पष्ट कहा गया, "आप हिंदू हैं, और सिख जत्थे के साथ नहीं जा सकते।"

रिपोर्ट में आगे कहा गया, "जिन्होंने भी इस कार्रवाई को देखा, उन्होंने पाकिस्तान की मंशा पर सवाल उठाए। पूछा गया कि पाकिस्तानी प्रशासन ने आखिर इन हिंदुओं को वीजा क्यों दिया? ऐसा लगा कि ये सब कुछ केवल उन्हें बेइज्जत करने के लिए किया गया था। पहले उनका वीजा जारी किया गया, फिर पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमति दी गई, और इसके बाद बेइज्जत कर बाहर निकाल दिया गया।"

Point of View

NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व कब मनाया जाता है?
गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व हर वर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
क्या यात्रा में भाग लेने के लिए पंजीकरण की आवश्यकता है?
हाँ, यात्रा में भाग लेने के लिए श्रद्धालुओं को पहले से पंजीकरण कराना होता है।
बांग्लादेश में कौन से प्रमुख गुरुद्वारे हैं?
बांग्लादेश में प्रमुख गुरुद्वारों में गुरुद्वारा नानकशाही और गुरुद्वारा संगत टोला शामिल हैं।
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