क्या बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के मामले में अब तक 10 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं?

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क्या बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के मामले में अब तक 10 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं?

सारांश

बांग्लादेश में एक हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग के मामले में 10 लोगों की गिरफ्तारी ने देश में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों को उजागर किया है। जानिए इस मामले के पीछे का पूरा घटनाक्रम और सरकार की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को कई हिंसक घटनाओं का सामना करना पड़ा है।
  • सरकार ने लिंचिंग की कड़ी निंदा की है।
  • गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की उम्र 19 से 46 वर्ष के बीच है।
  • इस घटना ने स्थानीय समुदाय में तनाव बढ़ा दिया है।
  • बांग्लादेश में इस तरह की हिंसा के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

ढाका, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग के मामले में लगभग 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की ओर से दी गई है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की गई जानकारी में मुहम्मद यूनुस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 10 में से 7 लोगों को रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने पकड़ा, जबकि 3 अन्य को पुलिस ने संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया।

उन्होंने कहा कि आरएबी और पुलिस ने इन गिरफ्तारियों के लिए अलग-अलग स्थानों पर ऑपरेशन चलाए। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की उम्र 19 से 46 वर्ष के बीच है।

अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को इस लिंचिंग की कड़ी निंदा की है और कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसक घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। इस घिनौने अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

पिछले साल अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाए जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं ने कई हिंसक घटनाओं का सामना किया है।

स्थानीय मीडिया की जानकारी के अनुसार, युवक पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप था। उसकी हत्या के बाद उसके शव को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया और ढाका-मैमनसिंह हाईवे पर कुछ समय के लिए यातायात रोक दिया गया। यह हिंसा गुरुवार रात को उपजिला के स्क्वायर मास्टरबाड़ी क्षेत्र में पायनियर निट कम्पोजिट फैक्ट्री में हुई।

दीपू इस फैक्ट्री में काम करता था और मैमनसिंह के तारकंडा उपजिला का निवासी था। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेशी बंगाली मीडिया आउटलेट बार्टा बाजार ने बताया कि दीपू पर वर्ल्ड अरेबिक लैंग्वेज डे पर फैक्ट्री में हुए एक इवेंट के दौरान इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के बारे में गलत टिप्पणी करने का आरोप था। ईशनिंदा के आरोप में गुस्साई भीड़ ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।

रिपोर्ट्स के अनुसार, युवक की मौत के बाद हालात और उग्र हो गए। भीड़ शव को स्क्वायर मास्टरबाड़ी बस स्टैंड क्षेत्र में ले गई, उसे रस्सी से एक पेड़ से बांध दिया, और नारे लगाते हुए उसमें आग लगा दी। इतना ही नहीं, इस मानवता को शर्मसार करने वाली घटना में भीड़ ने शव को ढाका-मैमनसिंह हाईवे पर ले जाकर फिर से उसे आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

Point of View

जिससे समाज में शांति और समरसता बनी रहे।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या इस मामले में और लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं?
हाँ, अधिकारियों का कहना है कि जांच जारी है और अधिक गिरफ्तारियां की जा सकती हैं।
क्या इस्लाम का अपमान करने का आरोप सही था?
स्थानीय मीडिया के अनुसार, युवक पर आरोप लगाया गया था, लेकिन इसकी सच्चाई अभी जांच के तहत है।
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