क्या बांग्लादेश में पत्रकार और उसकी मां पर हमला हुआ?

सारांश
बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एक पत्रकार और उसकी मां पर एक संगठित समूह ने हमला किया। यह मामला पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा का एक नया उदाहरण है। मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन बाकी हमलावरों की तलाश जारी है।
Key Takeaways
- बांग्लादेश में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है।
- मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
- पत्रकार हेलाल की हालत स्थिर है।
- स्थानीय लोगों ने हमले के बाद पत्रकार और उसकी मां को बचाया।
- पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सख्त कानूनों की आवश्यकता है।
ढाका, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एक स्थानीय पत्रकार और उसकी मां पर बदमाशों के एक समूह ने बेरहमी से हमला किया। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। यह घटना दक्षिण एशियाई देश में पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा का एक और उदाहरण है。
पत्रकार हेलाल हुसैन कबीर (32) लालमोनिरहाट स्थित साप्ताहिक प्रकाशन अलोरमोनी के कार्यकारी संपादक हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, हेलाल और उनकी मां का वर्तमान में लालमोनिरहाट सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और मुख्य आरोपी सोहराब हुसैन (48) को शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया।
सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी मोहम्मद नूरनबी ने 'द डेली स्टार' को बताया कि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। जांच पूरी होने पर अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। हमने घायलों से अस्पताल में मुलाकात की है।
अस्पताल की रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. समीना हुसैन चौधरी ने बताया कि पत्रकार को सिर, चेहरे, हाथों और पैरों पर चोटें आई हैं, लेकिन उनकी हालत अब खतरे से बाहर है।
पीड़ित पत्रकार हेलाल ने बताया कि करीब पांच-छह महीने पहले अब्दुल अजीज नाम का एक स्थानीय अपराधी हमारे गांव में जुआ खेलते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। उसे और उसके साथियों को शक था कि मैं उनका पर्दाफाश करने में शामिल हूं।
उन्होंने आगे कहा, "जमानत पर रिहा होने के बाद से अजीज और उसके सहयोगी मुझे लगातार धमकियां दे रहे थे। जान से मारने की धमकी मिलने के बाद मैंने 1 मई को स्थानीय पुलिस स्टेशन में जनरल डायरी दर्ज कराई थी।"
कबीर ने कहा, "शनिवार रात करीब 8 बजे वे मेरे घर में घुस आए और मेरे साथ मारपीट करते हुए मुझे घसीटकर बाहर ले गए। उन्होंने बांस की छड़ों और लोहे की रॉड से मेरे चेहरे, सिर, हाथ, पीठ और पैरों पर हमला किया। जब मेरी मां ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो उन्होंने उन पर भी हमला किया।"
हालांकि, बाद में स्थानीय लोगों ने दोनों को बचाया और अस्पताल पहुंचाया।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। हाल ही में, गाजीपुर जिले में पत्रकार असदुज्जमां तुहिन (38) की 7 अगस्त को हत्या कर दी गई थी।
तुहिन ने सोशल मीडिया पर स्थानीय दुकानों और स्ट्रीट वेंडरों से उगाही की शिकायत की थी, जिसके कुछ घंटों बाद उनकी हत्या कर दी गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पत्रकार समुदाय में आक्रोश फैल गया।
इसके अलावा, 6 अगस्त को गाजीपुर के सहपारा इलाके में एक अन्य पत्रकार अनवार हुसैन सौरव (35) पर उगाही की जांच के दौरान हमला हुआ था। यह हमला कथित तौर पर पुलिस की मौजूदगी में हुआ।
पिछले महीने बांग्लादेश की अवामी लीग ने कहा कि 51 पत्रकारों ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत पत्रकारों के खिलाफ हत्या, यातना और उत्पीड़न की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई है। पत्रकारों ने उत्पीड़न को तुरंत रोकने, मारे गए सहकर्मियों के लिए न्याय, जेल में बंद पत्रकारों की जमानत और ढाका यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के कामकाज को बहाल करने की मांग की है।
बांग्लादेश में पिछले साल यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों, अल्पसंख्यकों और अवामी लीग से जुड़े लोगों पर बिना उकसावे के हिंसक हमले बढ़ गए हैं।