क्या बांग्लादेश में यूनुस की सरकार में जज और वकीलों का दमन बढ़ा है?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में वकीलों की स्वतंत्रता खतरे में है।
- राजनीतिक असहमति को दबाने के लिए राज्य प्रायोजित उत्पीड़न हो रहा है।
- अवामी लीग समर्थक वकीलों को टारगेट किया जा रहा है।
- मानवाधिकार संगठन ने अत्याचारों की निंदा की है।
- संयुक्त राष्ट्र से कार्रवाई की अपील की गई है।
ढाका, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने बांग्लादेश में जारी हिंसा और अराजकता को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के अंतर्गत बांग्लादेश में वकीलों के खिलाफ हिंसा, धमकियाँ और प्रणालीगत दमन का एक खतरनाक दौर उजागर हुआ है।
इस रिपोर्ट में, जस्टिस मेकर्स बांग्लादेश इन फ्रांस (जेएमबीएफ) ने "अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में वकीलों की स्वतंत्रता के विरुद्ध कार्रवाई" शीर्षक के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश में कानूनी पेशेवरों के राज्य प्रायोजित उत्पीड़न का सबसे व्यापक रिकॉर्ड प्रस्तुत किया है।
यह रिपोर्ट अगस्त 2024 और सितंबर 2025 के बीच 849 वकीलों को प्रभावित करने वाली 268 सत्यापित घटनाओं पर आधारित है। इसमें अवामी लीग समर्थक वकीलों को टारगेट करने और राजनीतिक असहमति को दबाने के समन्वित अभियान का पर्दाफाश किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 88 प्रतिशत घटनाओं और 93 प्रतिशत पीड़ितों में अवामी लीग से जुड़े वकील शामिल थे। 730 पीड़ितों को प्रभावित करने वाली 187 घटनाओं में राजनीतिक विश्वास प्रमुख कारण था।
इसके अलावा, 200 घटनाओं (721 पीड़ितों) में झूठे या राजनीति से प्रेरित मामलों का उल्लेख किया गया है, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, तोड़फोड़, बर्बरता और राजद्रोह शामिल हैं। अधिकारियों ने मनमाने ढंग से गिरफ्तारियों को उचित ठहराने के लिए सीआरपीसी की धारा 54 और अन्य कानूनों का इस्तेमाल किया।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 75 घटनाओं में 203 लोगों को जेल भेजा गया। इन मामलों में अक्सर बिना वारंट के गिरफ्तारी की गई। बैरिस्टर ट्यूरिन अफरोज जैसे हाई-प्रोफाइल पीड़ितों को भी हिरासत में क्रूर यातना का सामना करना पड़ा।
इसके अलावा, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी से जुड़े वकीलों ने बांग्लादेश बार काउंसिल और अन्य बार समितियों पर जबरन कब्जा कर लिया। 44 बार एसोसिएशन चुनावों में अवामी लीग के वकीलों को डराने-धमकाने के जरिए चुनाव लड़ने से रोका गया।
जेएमबीएफ ने खुलासा किया कि 46 जजों और न्यायिक अधिकारियों को गिरफ्तार करके या बर्खास्त करके सताया गया।
मानवाधिकार संस्था ने संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, और अन्य सरकारों से बांग्लादेश में वकीलों पर कार्रवाई की निंदा करने की अपील की है।