क्या मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश को धार्मिक कट्टरवाद की ओर धकेल रहे हैं?

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क्या मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश को धार्मिक कट्टरवाद की ओर धकेल रहे हैं?

सारांश

बांग्लादेश की अवामी लीग ने मुहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वे इस्लामी कट्टरपंथियों के साथ मिलकर देश को धार्मिक कट्टरवाद की ओर धकेल रहे हैं। क्या ये आरोप सही हैं? यह जानने के लिए पढ़ें।

Key Takeaways

  • अवामी लीग ने मुहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • धार्मिक कट्टरवाद का बढ़ता खतरा बांग्लादेश में चिंता का विषय है।
  • अल्पसंख्यक समुदायों को डर और धमकी का सामना करना पड़ रहा है।
  • यूनुस के कदमों से राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
  • बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष पहचान को खतरा है।

ढाका, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पर इस्लामी कट्टरपंथियों के साथ एक सोची-समझी रणनीति के तहत गठजोड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यूनुस के इस तरह के कदम देश को धार्मिक कट्टरवाद की गर्त में धकेल रहे हैं।

पार्टी ने आरोप लगाया है कि यूनुस की सरकार में हिज्ब-उत-तहरीर जैसे प्रतिबंधित संगठनों का पुनरुत्थान हुआ है। कई दोषी ठहराए गए आतंकवादियों को रिहा किया गया है और चरमपंथियों का राजनीतिक और प्रशासनिक मुख्यधारा में स्वागत किया जा रहा है।

अवामी लीग का कहना है कि मंदिरों को अपवित्र किया गया है, अल्पसंख्यकों को डराया गया है, महिलाओं के अधिकारों का हनन किया गया है और धर्मनिरपेक्षता को पाठ्यपुस्तकों और संविधान से मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।

पार्टी का कहना है कि यह सरकार की विफलता नहीं, बल्कि कट्टरवाद को जानबूझकर सशक्त बनाने का एक प्रयास है।

अवामी लीग के अनुसार, यूनुस ने सत्ता पर अपनी कमजोर पकड़ को मजबूत करने के लिए धर्म को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।

यूनुस की सरकार में बांग्लादेश न केवल राजनीतिक अस्थिरता, बल्कि अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है। देश की धर्मनिरपेक्ष पहचान, सामाजिक ताना-बाना और भविष्य एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षाओं का बंधक बन रहा है।

अवामी लीग ने कहा, "प्रमुख संस्थानों में चरमपंथियों को बैठाकर और जमात-ए-इस्लामी जैसे समूहों को राजनीतिक मंच पर फिर से प्रवेश की अनुमति देकर यूनुस कट्टरपंथ को मुख्यधारा में ले आए हैं। राज्य और आतंकवाद के बीच जो एक दीवार होनी चाहिए थी, उसे तोड़ दिया गया है, जिससे आम नागरिक, अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्ष आवाजें पहले से कहीं ज्यादा असुरक्षित हो गई हैं।"

पार्टी ने कहा कि यूनुस शासन में इस्लामी ताकतों के जगह बनाने से बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू, बौद्ध और ईसाई, एक बार फिर डर के साए में जी रहे हैं। दशकों से ये अल्पसंख्यक समूह देश की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा रहे हैं, फिर भी आज उन्हें हिंसा, धमकी और जबरन विस्थापन के नए खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

पार्टी ने कहा, "गांव-गांव में हो रही मंदिरों में तोड़फोड़, चर्चों पर हमले और अल्पसंख्यक परिवारों के घरों में आग लगाने की खबरें सामने आई हैं। धमकियां मिलने के बाद कई लोग पैतृक जमीन छोड़कर भाग गए हैं, जबकि अन्य, राज्य उनकी रक्षा करेगा या नहीं, इस अनिश्चितता में छिपकर रह रहे हैं। लोगों का यह पलायन शांत, लेकिन विनाशकारी है।"

अवामी लीग ने कहा कि कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी और उसकी छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिबिर का पुनरुत्थान न तो संयोग है और न ही बांग्लादेश के परिसरों और सांस्कृतिक जीवन पर इस्लामी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम का नया प्रभाव है।

पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि इस्लामिक समूहों की मांगों के प्रति हर रियायत, चाहे वह संवैधानिक सुधारों में धर्मनिरपेक्ष आवाजों को दरकिनार करना हो, अल्पसंख्यकों पर हमलों को नजरअंदाज करना हो या कैंपस में उग्रवाद को कम करके आंकना हो, चरमपंथ को मजबूत करती है। यूनुस ने इन समूहों की विचारधारा के लिए एक बार फिर सरकारी तंत्र में घुसपैठ के रास्ते खोल दिए हैं।

-राष्ट्र प्रेस

Point of View

हमें हमेशा अपने देश की भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए। बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरवाद का उभार न केवल एक राजनीतिक मुद्दा है, बल्कि यह हमारे समाज के ताने-बाने को भी प्रभावित करता है। हमें इस पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या मुहम्मद यूनुस पर लगाए गए आरोप सही हैं?
अवामी लीग ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि यूनुस इस्लामी कट्टरपंथियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, परंतु सच्चाई जानने के लिए और अधिक जांच की आवश्यकता है।
बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरवाद का क्या प्रभाव है?
यह न केवल अल्पसंख्यक समुदायों के लिए खतरा है, बल्कि यह समाज के विकास और धर्मनिरपेक्षता को भी प्रभावित करता है।
अवामी लीग का क्या कहना है?
अवामी लीग का कहना है कि यूनुस के कार्यों से देश में असुरक्षा और धार्मिक कट्टरवाद बढ़ रहा है।
इस विवाद का राजनीतिक परिणाम क्या हो सकता है?
इससे बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है, जो कि देश के विकास के लिए जरूरी है।
क्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं?
अल्पसंख्यक समुदायों को वर्तमान में हिंसा और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में है।