क्या बांग्लादेश में 'मुक्ति युद्ध के आदर्शों पर हमले' से सांस्कृतिक संगठन और पत्रकार व्यथित हैं?

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क्या बांग्लादेश में 'मुक्ति युद्ध के आदर्शों पर हमले' से सांस्कृतिक संगठन और पत्रकार व्यथित हैं?

सारांश

बांग्लादेश के प्रमुख सांस्कृतिक संगठन उदिची के सदस्यों ने ढाका में मार्च निकालकर अपने केंद्रीय कार्यालय पर हुए हमले की निंदा की। यह प्रदर्शन स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। जानें इस हमले के पीछे की सच्चाई और सांस्कृतिक संस्थाओं की सुरक्षा की आवश्यकता।

Key Takeaways

  • उदिची शिल्पीगोष्ठी का मार्च ढाका की सड़कों पर हुआ।
  • हमले को मुक्ति युद्ध के आदर्शों पर हमला कहा गया।
  • सांस्कृतिक अभिलेखों का नुकसान हुआ है।
  • अंतरिम सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए गए।
  • उदिची ने न्याय की मांग की है।

ढाका, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के एक प्रमुख प्रगतिशील सांस्कृतिक संगठन, बांग्लादेश उदिची शिल्पीगोष्ठी के सदस्यों ने शनिवार को ढाका की सड़कों पर मार्च निकालकर अपने केंद्रीय कार्यालय पर हुए आगजनी की कड़ी निंदा की।

यह विरोध प्रदर्शन देश में जारी अशांति और सांस्कृतिक संस्थाओं पर हमलों के खिलाफ था, जिसमें संगठन ने इसे स्वतंत्रता संग्राम की भावना और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया।

उदिची के महासचिव अमित रंजन डे के नेतृत्व में यह मार्च ढाका की सड़कों से गुजरा, जिसमें कलाकार, सांस्कृतिक कार्यकर्ता, पत्रकार और समर्थक शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने प्लेकार्ड्स उठाए और नारे लगाए। हमले को मुक्ति युद्ध के आदर्शों और 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' पर खतरा बताया गया।

रैली में डे ने कहा कि यह हमला एक जानबूझकर अंजाम दिए गए पैटर्न का हिस्सा है। इसने 55 वर्षों के सांस्कृतिक अभिलेखों को नष्ट कर दिया। उन्होंने इसे सांस्कृतिक तबाही करार देते हुए कहा कि दशकों के गाने, स्क्रिप्ट्स, फोटोग्राफ्स, और प्रतिरोध के रिकॉर्ड रातोंरात खत्म हो गए।

यह घटना 19 दिसंबर की शाम की है, जब उपद्रवियों ने ढाका के तोपखाना रोड पर उदिची के केंद्रीय कार्यालय में घुसकर आग लगा दी। फायर सर्विस ने आग पर काबू पा लिया, लेकिन कार्यालय को भारी नुकसान हुआ।

पुलिस के अनुसार, यह हमला चरमपंथी दल इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ ओस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा का हिस्सा था। हादी को गंभीर हालत में सिंगापुर ले जाया गया था। शव जैसे ही ढाका पहुंचा, उपद्रव मच गया।

हादी की मौत के बाद देशभर में दंगे भड़के, जिसमें मीडिया हाउसों (प्रथम आलो और डेली स्टार), छायानट और अन्य संस्थाओं पर हमले हुए।

उदिची ने बयान में कहा कि यह हमला असामाजिक ताकतों की साजिश है। संगठन ने न्याय की मांग की और कहा कि सड़कों पर उतरकर लड़ाई जारी रखेंगे।

नेताओं ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि सांस्कृतिक और मीडिया संस्थानों की रक्षा करने में उसकी विफलता से बांग्लादेश की लोकतांत्रिक नींव कमजोर होने का खतरा है।

यह कार्यक्रम उदिची सदस्यों की जवाबदेही सुनिश्चित कराने के संकल्प के साथ खत्म हुआ।

प्रदर्शनकारियों ने दोहराया, "यह मार्च अंत नहीं है; न्याय मिलने तक विरोध जारी रहेगा।"

उदिची शिल्पीगोष्ठी बांग्लादेश की सबसे बड़ी सांस्कृतिक संस्था है, जो 1968 में स्थापित हुई और प्रगतिशील मूल्यों, समानता और न्याय के लिए संघर्ष करती है। यह संगठन गीत, नृत्य, नाटक और साहित्य के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहा है। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच अंतरिम सरकार ने शांति की अपील की है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

Point of View

NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश उदिची शिल्पीगोष्ठी क्या है?
बांग्लादेश उदिची शिल्पीगोष्ठी एक प्रमुख प्रगतिशील सांस्कृतिक संगठन है, जो 1968 में स्थापित हुआ और समानता और न्याय के लिए संघर्ष करता है।
हालिया हमले का कारण क्या है?
यह हमला चरमपंथी दल इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ ओस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा का हिस्सा था।
प्रदर्शनकारी क्या मांग कर रहे हैं?
प्रदर्शनकारी न्याय की मांग कर रहे हैं और सांस्कृतिक संस्थाओं की सुरक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प ले रहे हैं।
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