बांग्लादेश: क्या छात्रों ने ढाका-बरिशाल राजमार्ग को चौथे दिन जाम किया?

सारांश
Key Takeaways
- छात्रों का आंदोलन स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की मांग कर रहा है।
- सड़क जाम के कारण यातायात प्रभावित हुआ है।
- बैरिकेड्स के कारण यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
- सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।
- छात्रों की मांगें समाज के लिए आवश्यक हैं।
ढाका, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ढाका-बरिशाल राजमार्ग पर यातायात चौथे दिन भी बाधित रहा। रविवार को छात्रों ने अपनी तीन मुख्य मांगों के चलते सड़क को जाम किया। इन मांगों में स्वास्थ्य क्षेत्र में सिंडिकेट को समाप्त करने की मांग शामिल है।
'यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश' के अनुसार, बरिशाल और छह दक्षिणी जिलों के बीच वाहनों की आवाजाही तब से रुकी हुई है, जब छात्रों ने सुबह लगभग 11.30 बजे नथुल्लाबाद बस टर्मिनल क्षेत्र में बैरिकेड्स लगा दिए। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी भी की।
कानून प्रवर्तन एजेंसियों और छात्रों के बीच झड़पें तब हुईं जब अधिकारियों ने राजमार्ग से बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की। बैरिकेड्स के कारण राजमार्ग के दोनों ओर गाड़ियाँ फंसी रहीं, जिससे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
कोतवाली मॉडल थाने के प्रभारी मिजानुर रहमान ने बताया कि समस्या के समाधान के लिए बातचीत की जा रही है। प्रदर्शनकारी पिछले 15 दिनों से बांग्लादेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में अनियमितताओं और कुप्रबंधन के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
शनिवार को भी ढाका-बरिशाल राजमार्ग पर यातायात बाधित रहा। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर लगातार तीसरे दिन राजमार्ग को जाम किया।
छात्र स्थानीय समयानुसार सुबह 11.30 बजे नथुल्लाबाद बस टर्मिनल क्षेत्र में पहुंचे, जिससे बरिशाल और बांग्लादेश के छह दक्षिणी हिस्सों के बीच यातायात बाधित हुआ।
क्षेत्र में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के कई सदस्य तैनात किए गए थे। नाकेबंदी के कारण राजमार्ग पर गाड़ियाँ फंसी रहीं। कोतवाली मॉडल पुलिस स्टेशन के प्रभारी मिजानुर रहमान ने कहा कि पुलिस मामले को तुरंत सुलझाने का प्रयास कर रही है।
इससे पहले, शुक्रवार को भी प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर साढ़े सात घंटे तक राजमार्ग जाम रखा था।
एक छात्र मोहिउद्दीन रोनी ने कहा, "सरकारी अस्पतालों में सिंडिकेट के कारण लोगों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में इस सिंडिकेट को खत्म किया जाना चाहिए। दस दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद हमें हाईवे जाम करने पर मजबूर होना पड़ा।"
एक अन्य छात्र रियाजुल आलम ने कहा कि जब तक स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार नहीं किए जाते, वह घर नहीं लौटेंगे।