क्या भोपाल में पूर्व पोस्टल असिस्टेंट को 13.85 लाख की धोखाधड़ी मामले में सजा मिली?

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क्या भोपाल में पूर्व पोस्टल असिस्टेंट को 13.85 लाख की धोखाधड़ी मामले में सजा मिली?

सारांश

भोपाल में पूर्व पोस्टल असिस्टेंट रजनीश तिवारी को 13.85 लाख की धोखाधड़ी के मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है। सीबीआई ने इस मामले की जांच की और आरोपी को दोषी पाया। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और अदालत के निर्णय के पीछे का सच।

Key Takeaways

  • सीबीआई ने पूर्व पोस्टल असिस्टेंट को धोखाधड़ी में दोषी पाया।
  • आरोपी ने 13.85 लाख रुपए की राशि का हेरफेर किया।
  • मामला 2020 में लश्कर हेड पोस्ट ऑफिस से जुड़ा है।
  • आरोपी को 5 साल की सजा और जुर्माना लगाया गया।
  • यह घटना डाक सेवा की सुरक्षा पर सवाल उठाती है।

भोपाल, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भोपाल की सीबीआई कोर्ट ने डाक विभाग में गंभीर वित्तीय अनियमितता से जुड़े एक मामले में पूर्व पोस्टल असिस्टेंट को दोषी ठहराया है। 13.85 लाख की धोखाधड़ी मामले में अदालत ने आरोपी को पांच साल की सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।

भोपाल की सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को ग्वालियर के लश्कर हेड पोस्ट ऑफिस के तत्कालीन पोस्टल असिस्टेंट रजनीश तिवारी को दोषी करार देते हुए उसे 5 वर्ष की सश्रम कैद और 14 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।

सीबीआई की ओर से रविवार को जारी प्रेस नोट में बताया गया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यह मामला 20 अप्रैल 2022 को ग्वालियर के वरिष्ठ अधीक्षक डाकघर की लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2020 में लश्कर हेड पोस्ट ऑफिस, ग्वालियर में पदस्थ रहते हुए आरोपी राजनिश तिवारी ने डाकघर के साथ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात किया।

सीबीआई की जांच में सामने आया कि आरोपी ने पोस्ट ऑफिस के फिनैकल इंटरनेट मॉड्यूल में तकनीकी हेरफेर करते हुए विभिन्न ग्राहकों के 17 आवर्ती जमा (आरडी) खातों के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की। इसके बाद इन खातों से करीब 13,85,496 रुपए की राशि अवैध रूप से ट्रांसफर कर दी गई।

सीबीआई के अनुसार, आरोपी ने यह रकम तीन नियमित/बचत खातों में स्थानांतरित की, जिन्हें नियमों को दरकिनार कर खोला गया था। इनमें से दो बचत खाते आरोपी के स्वयं के या संयुक्त नाम पर थे। इसके बाद आरोपी ने लश्कर हेड पोस्ट ऑफिस से चोरी किए गए एटीएम कार्ड का उपयोग कर इन खातों से धनराशि निकाल ली। मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने पर्याप्त दस्तावेजी और तकनीकी साक्ष्य अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए। लंबी सुनवाई और साक्ष्यों के परीक्षण के बाद माननीय न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।

Point of View

बल्कि यह हमारे डाक सेवा के सिस्टम में गहरी खामियों को भी उजागर करता है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारी संस्थाएं पर्याप्त सुरक्षा उपाय कर रही हैं। एक मजबूत और प्रभावी सिस्टम की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों से बचा जा सके।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

पूर्व पोस्टल असिस्टेंट को किस मामले में सजा मिली?
उन्हें 13.85 लाख की धोखाधड़ी के मामले में सजा मिली है।
सीबीआई ने यह मामला कब दर्ज किया?
सीबीआई ने यह मामला 20 अप्रैल 2022 को दर्ज किया।
आरोपी ने कितनी राशि का हेरफेर किया?
आरोपी ने करीब 13,85,496 रुपए का हेरफेर किया।
आरोपी को कितनी सजा मिली?
आरोपी को 5 साल की सश्रम कारावास और 14 हजार रुपए का अर्थदंड मिला।
मामले में सीबीआई की जांच क्या थी?
सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त दस्तावेजी और तकनीकी साक्ष्य प्रस्तुत किए।
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