क्या पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत-अफ्रीका संबंधों को नया पहल मिला?

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क्या पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत-अफ्रीका संबंधों को नया पहल मिला?

सारांश

भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों को पीएम मोदी के नेतृत्व में एक नई दिशा मिली है। अनेक उच्च स्तरीय दौरे और समझौतों के माध्यम से भारत ने अफ्रीका के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया है। जानें कैसे ये संबंध दोनों महाद्वीपों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Key Takeaways

  • भारत-अफ्रीका संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है।
  • पीएम मोदी के नेतृत्व में नई साझेदारियाँ स्थापित की गई हैं।
  • कूटनीतिक दौरे से व्यापार और संस्कृति में वृद्धि हुई है।
  • ग्लोबल साउथ के लिए भारत एक महत्वपूर्ण सहयोगी है।
  • भविष्य में और भी अवसर उपलब्ध हो सकते हैं।

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले 11 वर्षों के कार्यकाल में भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों को एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी में तब्दील किया है। ये संबंध सदियों से आपसी सहयोग का हिस्सा रहे हैं, और पीएम मोदी के मार्गदर्शन में इनकी मजबूती और बढ़ी है।

पिछले वर्ष, उन्होंने कई उच्च स्तरीय यात्राओं के माध्यम से महाद्वीपों के साथ भारत के संबंधों को और सुदृढ़ किया। इससे भारत और अफ्रीका के बीच कूटनीतिक जुड़ाव और विकास के संबंध फिर से सशक्त हुए हैं। इस क्रम में पीएम मोदी का इथियोपिया दौरा विशेष महत्व रखता है।

इस वर्ष नवंबर में, पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका, जुलाई में घाना और नामीबिया, मार्च में मॉरीशस और नवंबर 2024 में नाइजीरिया का दौरा किया। इन यात्राओं में प्रधानमंत्री की नेतृत्व क्षमता की झलक मिलती है।

इथियोपिया में अपने हालिया दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और इथियोपिया के बीच हजारों सालों से संवाद और व्यापार होता रहा है। दोनों देश, जो भाषाओं और परंपराओं में समृद्ध हैं, ग्लोबल साउथ के सहयात्री और साझेदार हैं।

पीएम मोदी ने अदीस अबाबा के इथियोपियन नेशनल पैलेस में प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस बातचीत में उन्होंने कहा कि इथियोपिया जाकर उन्हें अपार खुशी हुई है।

इस दौरे की खास बात यह रही कि दोनों देशों ने अपने रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में तब्दील किया। इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, एआई और तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

नवंबर में पीएम मोदी ने जोहान्सबर्ग में जी20 लीडर्स समिट के दौरान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ बैठक की और दोनों देशों के बीच साझेदारी पर चर्चा की।

जुलाई में घाना के दौरे के दौरान, पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, ग्लोबल साउथ के लिए एक ताकत का स्तंभ बना हुआ है।

घाना की संसद में एक ऐतिहासिक भाषण में पीएम मोदी ने कहा, "एक मजबूत भारत एक अधिक स्थिर और खुशहाल दुनिया में योगदान देगा।"

जुलाई में ही पीएम मोदी ने नामीबिया का दौरा किया, जहां उन्होंने स्वास्थ्य और उद्यम के क्षेत्र में दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इसके अतिरिक्त, नामीबिया ने डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) और ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस में शामिल होने की घोषणा की।

इससे पहले पीएम मोदी ने मार्च में मॉरीशस का दौरा किया था। यहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की और विशेष साझेदारी को रणनीतिक साझेदारी में बदलने पर सहमति जताई।

पीएम मोदी ने पिछले साल नवंबर में नाइजीरिया का दौरा किया था, जहां उन्हें ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर (जीसीओएन) 3 से सम्मानित किया गया।

दोनों नेताओं ने नाइजीरिया और भारत के बीच अच्छे रिश्तों को मजबूत करने की संभावनाओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति का उद्देश्य विकास के लिए सहयोग और ग्लोबल साउथ की आवाज को बढ़ाना है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी की विदेश नीति ने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान बनाई है। भारत-अफ्रीका संबंधों को सशक्त करने के प्रयास, न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि में भी महत्वपूर्ण हैं। हमें इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों में क्या विशेषताएँ हैं?
भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों में व्यापार, संस्कृति और विकास के क्षेत्र में सहयोग शामिल हैं।
पीएम मोदी के दौरे का मुख्य उद्देश्य क्या था?
पीएम मोदी के दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और अफ्रीका के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना था।
भारत और अफ्रीका के बीच कौन-कौन से समझौते हुए हैं?
भारत और अफ्रीका के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, और तकनीक के क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं।
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